आजादी के चउँसठवीं वर्षगाँठ पर अँजोरिया परिवार के सगरी पाठकन के हार्दिक शुभकामना

by | Aug 15, 2011 | 3 comments

चउँसठ साल पहिले एगो अधरतिया के सीना चीर के भारत के आजादी मिलल रहुवे. आजादी मिलल रहुवे एगो बड़हन कीमत पर. देश के बँटवारा का बाद. लाखो लोग एने से ओने आ ओने से एने भइल रहे. लाखो लोग के लाश उनुका देश में आइल रहे. ओतना खून बहा के मिलल आजादी के कुछ सफेदपोश अतना लूट लिहले कि घोटाला अब लाख भा करोड़ के नइखे होत लाखो करोड़ के होत बा. आ घोटालेबाज मस्त रहत बाड़े. देखे देखावे खातिर कुछ दिन जेल में बन्द रहे के पड़ जाव त अलगा बाति बा शायदे केहू के सजा मिले वाला बा.

आजु जवन देश के हालात बा ओह में केहू, चाहे ऊ सत्ताधारियन का साथे होखे भा ओह लोग का खिलाफ, खुश नइखे. केहू के मन में आजादी के वर्षगाँठ के उछाह नइखे. एगो मशीनी तौर पर एक दोसरा के एसएमएस बधाई वगैरह दिहल लिहल जाई बाकिर ओह में खुशी ना झलकी.

सोचे के बाति बा कि घोटाला भठियरपन के विरोध करे वाला के दोषी ठहरावे के भरपूर प्रयास होखत बा. मकसद बस इहे बा कि देखावल जाव कि एगो हमही करिया मुँह वाला नइखीं उनुको मुँह पर करिखा लागल बा. आ दोसरा के करिखा देखा के आपन चेहरा साफ करे के कोशिश हो रहल बा.

आजु जनतांत्रिक आन्दोलन करे वालन के तानाशाह बतलावल जा रहल बा. पूरा कोशिश हो रहल बा कि ओकरो के लांछित कर दिहल जाव जेहसे कि लोग भकुआ जाव कि केकरा पाछा चलल जाव. हमार कहना त ई बा कि केहू का पाछा चलला के जरुरत नइखे. खुद सोचीं कि देश का सामने, समाज का सामने, अपना सामने मुद्दा का बा, समस्या का बा आ ओकर समाधान के राह का बा. जवन राह आपन मन देखावे ओह राह पर चल दीं. केहू साथ मिले भा ना. आदमी आदमीए होला आ हर आदमी में थोड़ बहुत दोष हो सकेला. बाकिर एकर मतलब ई ना होला कि मजबूरी में घूस दे के आपन काम चलावे वाला आदमी के ओतने दोषी मानल जाव जतना घूस ले के कवनो सही काम करे वाला के.

देश के राजनीतिक दलन के अतना पतन कबहियो ना भइल रहे. आजु आम जनता नेतवन के हिकारत के नजर से देखे के आदी हो गइल बिया. संसद के सम्मान ओकरा मन में नइखे रहि गइल काहे कि ऊ हर सत्र में, हर सरकार में देखत बिया कि सांसदन के आचरण कइसन हो रहल बा. झामुमो के सांसदन के खरीद के सरकार बचावे आ चलावे वाला लोग दोसरा के का कह सकी. एक वोट से, जवन कानूनी रूप से भले सही रहे नैतिक रुप से पतित आचरण रहे, कवनो सरकार के गिरा देबे वाला लोग आजु अतना बौखला गइल बा कि मुँह से जवन निकलत बा बकत चल जात बा लोग.कवनो मर्यादा नइखे रहि गइल केहू का लगे.

काल्हु से अन्ना हजारे अनशन पर जाये के बात कहत बाड़े त सरकार हर तरह से उनुकर छवि बिगाड़े का कोशिश में लाग गइल बिया. इन्दिरा गाँधी के चुनाव अदालत में गलत साबित होखला का बाद पूरा देश में इमरजेन्सी लगा दिहल गइल रहे. कहल जाला कि तब के राष्ट्रपति ओह पर आँख मूँद के दस्तखत कर दिहले रहले. उनुका लगे कवनो विकल्पो ना रहे. आजु फेर उहे हालात बनल जात बा. अचरज नइखे कि फेरू से घोषित भा अघोषित इमरजेन्सी लगा दिहल जाव.

जब दिमाग में कैन्सर हो जाव त ओकर कवनो इलाज ना रह जाला. देर सबेर त सबका मरे के पड़ेला बाकिर कैन्सर वाला तनी जल्दी मर जाला. देशो के दिमाग में, सत्ता चलावे वाला लोग देश के दिमागे नू कहल जाई, कैन्सर पकड़ि लिहले बा. अगर समय पर सर्जरी ना भइल त ढेर दिन ले ना बाची. सर्जरी होइयो गइला का बाद बहुत आशा ना कइल जा सके. देशो के इहे हालत हो गइल बा. सुधारे के कोशिश त होखहीं के चाहीं बाकिर जरुरत पड़े त पूरा व्यवस्था एक बेर फेर नया तरीका से खड़ो करे में कवनो दोष नइखे.

आजु इमरजेन्सी का दौरान लिखल एगो कविता बहुते याद आ रहल बा. तब गोपाल दास नीरज लिखले रहले,

न्याय का चोगा पहन कर है खड़ी चंगेज शाही,
तुम नहीं अब भी उठे तो फिर जमाना क्या कहेगा ?

बदतमीजी कर रहे हैं आजु फिर भौंरे चमन में,
साथियो आँधी उठाने का जमाना आ गया है,
मौत से आँखे लड़ाने का जमाना आ गया है.

का हम आप एह लड़ाई ला तइयार बानी जा ?

संपादक, अँजोरिया

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3 Comments

  1. NEERAJ KUMAR

    सम्पादक महोदय जी,

    आज आजादी की ६४ वी वर्षगाँठ पर बहुत से कवियों द्वारा
    दिए गए विचारों को पढ़ा | लेकिन आज भी हमारा देश भ्रष्टाचार
    से आजाद नहीं हुआ है आज भी भ्रष्टाचार ने हमें गुलाम बनाया
    हुआ है|
    लेकिन आज के युग में भी अन्ना हजारे जैसे देशभक्त और सच्चे
    लोग है जो कि सच्चे अर्थो में हमे भ्रष्टाचार से आजाद कराने के
    लिए अपने जीवन को सर्वस्व अर्पण करने में भी संतोष प्राप्त करते
    दिखाई पड़ते है|
    उन्ही के समर्थन में कुछ लाइन भ्रष्टाचार के खिलाफ उल्लेखनीय
    है-
    “अन्ना नहीं अब हमारी बारी हैं, ये देश अब हमारी जिम्मेवारी हैं |
    लड़ो उससे जो भ्रष्टाचारी हैं, ये शिष्टाचार नहीं बीमारी हैं|
    इसकी तो महंगाई, गरीबी तथा अपराध से यारी हैं |
    सेना के हथियारों से गरीब की थाली तक में दलाली जारी हैं|
    सूचना के अधिकार पर क्यों अभी तक हत्या जारी हैं|
    सबसे भ्रष्ट व्यक्तियों को तिहाड़ मैं सुख सुविधा जारी हैं|
    चलो, उठो वन्देमातरम ने एक बार फिर हुंकार मारी हैं|
    अरे यारो हमारी एक एक चिंगारी हर आग पे भारी हैं |”

    ये किस प्रकार की जय हैं जहा भ्रष्टाचार और अपराधियों का भय हैं|

    Remember that “The world suffers a lot, Not because of the violence of bad people,But because of the silence of good people”

    from-
    NEERAJ KUMAR
    TEACHER,IBRAHIMPUR-II
    DELHI-110036

  2. Tarun Chaturvedi

    anjoria.com, bhojpuri ki pahli website ko aath varsh pura karane par anjoria.com parivar awam Dr.O.P.Singh ji chief admn ko meri hardik badhaee..
    tarun chaturvedi

  3. चंदन कुमार मिश्र

    भ्रष्टाचारो एगो समस्या बा बाकिर ऊहे एगो समस्या नइखे। ई सही बा कि आपन रस्ता अकेले चले में कवनो खराबी नइखे। तबे एकला चलो रे।

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सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
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पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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