माईभाषा दिवस पर विभोस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बइठक आ विचार गोष्ठी


24 फरवरी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, मैक्स मुलर मार्ग, नई दिल्ली में विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय कार्यकारणी के बइठक आ अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर विचार गोष्ठी भइल. हिन्दी में भेजल एह बइठक के रपट के भोजपुरी अनुवाद नीचे दीहल जा रहल बा. भोजपुरी के संस्थन के अतना फुरसत ना मिल पावे भा जरुरी ना समुझसि कि भोजपुरी में लिखल बजावल जाव.
कार्यक्रम में अश्वनी चैबे (केन्द्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री), मनोज तिवारी (दिल्ली बी० जे० पी० प्रदेश अध्यक्ष), अजीत दुबे, (राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व भोजपुरी सम्मेलन) का साथही बहुते अउरिओ खासमखास लोग मौजूद रहल. विश्व भोजपुरी सम्मेलन दिल्ली इकाई के महामंत्री डॉ. मनीष सिंह स्वागत कइलन. ओकरा बाद विश्व भोजपुरी सम्मेलन के पत्रिका के विमोचन कइल गइल. विश्व भोजपुरी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत दुबे कहलन कि पिछला कुछ ससय में भोजपुरी ला ऐतिहासिक काम भइल बा.
पिछला 21 जनवरी के नेपाल में नया चुनाइल भोजपुरी इलाका के सांसद लोग भोजपुरी में किरिया लीहल. मॉरीशस के 250 सरकारी स्कूलन में भोजपुरी के पढ़ाई शुरू हो गइल बा. मॉरीशस सरकार के अनुरोध पर यूनेस्को 1 दिसंबर 2016 के कुछ भोजपुरी लोकगीतन के सांस्कृतिक धरोहर में शामिलक लिहलसि. बाकिर हिन्दुस्तान में सांसद लोग भोजपुरी में किरिया ना ले पावे. आ 5 बेर आश्वासन मिलला का बादो भोजपुरी के संविधान के अढवीं सूची में जगहा नइखे मिल पावल. ई चिन्ता के बाति बा.
विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. अरूनेश नीरन कहलन कि 1995 में विश्व भोजपुरी सम्मेलन के स्थापना कइल गइल आ अबले एकर 16 गो राष्ट्रीय अधिवेशन आ विश्व सम्मेलन हो चुकल बा. अंतरराष्ट्रीय बाजार गँवे गँवे भोजपुरी के महत्व समझ चुकल बा आ अब भोजपुरी अठवीं अनुसूची में आवे भा मत आवे, भोजपुरी के केहू खतम ना करि सके.
अपना भाषण में मनोज तिवारी कहलन कि सरकार द्वारा बहुत हद ले भोजपुरी, राजस्थानी आ भोटी भाषावन के अठवीं अनुसूची में ले आवे के योजना बना चुकल बिया आ जवन रूकावट आवत बा ओकरा के हटावे के कोशिश हो रहल बा.
अश्विनी कुमार चौबे कहलन कि हमनी के पूरा कोशिश बा कि भोजपुरी के जल्दा से जल्दी अठवीं सूची में डाल गीहल जाव. पहिले सांसद रहल महाबल मिश्र कहलन कि कवनो सूरत में हमनी के अपना भाषा के भुलाए के ना चाहीं. एकर नेंव बहुते मजबूत बा, बस ओहपर अब महल बनवला के जरुरत बा. राष्ट्रीय महासचिव अशोक कुमार सिंह कहलन कि भोजपुरी के विडंबना इहे बा कि कि देश से बाहर त भोजपुरी के खूबे मान मिल रहल बा बाकिर अपने घर में ई मान्यता ला तड़पत बिया.
कार्यक्रम के सरस संचालन कवि विनय विनम्र कइलन.

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