20 जुलाई 2017 का दिने संघ के प्रचारक स्वंयसेवक, भाजपा के नेता, आ हाल फिलहाल में बिहार के राज्यपाल रहल रामनाथ कोविन्द जी के देश के 14वाँ राष्ट्रपति का रुप में चुनइला के आधिकारिक एलान हो गइल. सोनिया गाँधी के अगुअई में बहुते विराधी गोल मिल के बाबू जगजीवन राम के बेटी आ लोकसभा स्पीकर रह चुकल मीरा कुमार के लड़ववले रहलें. अपील कइले रहुवे लोग कि सांसद आ विधायक अपना अंतरात्मा के आवाज का अनुसार मतदान करे. मकसद त रहल कि भाजपा के अगुअई वाली एनडीए के लोग क्रॉस वोटिंग करे बाकिर करीब करीब हर राज्य के कांग्रेसी आ विरोधी विधायकन में से कुछ लोग अपना अंतरात्मा के आवाज सुनि के कौविन्द जी के वोट दे दीहल. परिणाम ई भइल कि उमीदो से बेसी वोट बिटोरत करीब दू तिहाई मत से कोविन्द जी चुना गइनी.
रामनाथ कोविन्द जी के जनम यूपी के परौंख गाँव के मैकू लाल आ कलावती से एगो गरीब दलित परिवार में 1 अक्टूबर 1945 का दिने भइल रहुवे. पाँच बरीस के रहलन जब इनका घर में आग लाग गइल आ ओही आग में महतारी के मौज हो गइल. इनकर बाबूजी मैकू लाल कविराजी इलाज करत रहलन आ ओही के आमदनी से अपना पाँच गो बेटन के लालन पालन कइलन. ओहमें से अब तीे गो भाई बाँचल बाड़ें बाकिर गाँव में अब इलका परिवार के केहू ना रहे. ओकरा बावजूद अपना गाँव के हर संभव विकास करवलै बानी कोविन्द जी. साल 1974 में रामनाथ कोविन्द जी के बिआह सविता जी से भइल. जिनका से एगो बेटा प्रशान्त कुमार आ एगो बेटी स्वाति बाड़ी.
कोली जाति से आवे वाला कोविन्द जी वकालत पास क के दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत शुरु कइले रहीं आ साल 1977 से 1979 ले दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकीलो रहनी. साल 1991 में भाजपा में शामिल भइला का बाद साल 1994 में राज्यसभा के सांसद बनलीं. छह बरीस बाद 2000 में फेरु राज्यसभा सांसद बननी आ 12 बरीस ले सांसदी कइनी. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, आ अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष रहल कोविन्द जी के 8 अगस्त 2015 का दिने बिहार के राज्यपाल बनावल गइल. एह पद से इस्तीफा दे के राष्ट्रपति के चुनाव लड़नी आ अब जीत के 25 जुलाई 2017 का दिने राष्ट्रपति पद के किरिया लेब कोविन्द जी.
यूपी से आवे वाला पहिला राष्ट्रपति कोविंद जी दुसरका दलित राष्ट्रपति होखब. आ अब पहिला बेर कवनो भाजपा नेता राष्ट्रपति पद के सुशोभित करीहें. संगही देश के चारो माथ पद प संघ आ भाजपा के लोग विराजमान रही. राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री आ लोकसभा अध्यक्ष – चारों पदन प अब संघ के लोग रही, देश के आधा से अधिका राज्यन प राजग पहिलहीं से काबिज बा आ जब राज्यसभा में ओकरा बहुमत मिल जाई त फेर आपन रीति नीति लागू करवावे में कवनो परेशानी ना होखी.
(From Amar Ujala with gratitude)
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