गोरखपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता, आनंद मार्ग के वरिष्ठ आचार्य, थियोसाफिकल सोसाइटी गोरखपुर के अध्यक्ष, गोरखपुर विश्वविद्यालय के विधि विभाग के पूर्व प्राध्यापक आ भोजपुरी साहित्यकार रहल आचार्य प्रतापादित्य के निधन काल्हु बुध का दिने भोर में हो गइल.
आचार्य प्रतापादित्य के जनम 24 मई, 1933 के विश्वनाथपुर (सरया तिवारी), विकास खण्ड खजनी गोरखपुर भइल रहे. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी कइला का बाद साल 1959 से गोरखपुर में अधिवक्ता बन के काम शुरू कइनी. साल 1966 से 1979 ले आप गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवक्ता विधि रहनी. जागृति, भोजपुरी वार्ता समेत अनेके पत्र-पत्रिकायन के संपादन कइनी. आध्यात्मिक विषय पर आचर्य जी के दर्जनों पुस्तकें छप चुकल बाड़ी सँ.
आचार्य प्रतापादित्य के अंतिम संस्कार 2 मई के सबेरे राजघाट स्थित बैकुंठ धाम में आनंदमार्ग विधि से कइल गइल. सराध 4 मई के अरविंद आवास, बेतियाहाता में होखी.
उनासी बरीस के आचार्य जी लगातार भोजपुरी में लिखत रहीं आ कई अखबारन में उहाँ के लिखल भोजपुरी स्तम्भ प्रकाशित होत रहल.
आचार्य के निधन पर अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रह चुकल गिरिजाशंकर राय गिरिजेश आपन शोक जतवले बानी.
एह मनीषि के अँजोरिया के तरफ से हार्दिक श्रद्धांजलि
हमरो तरफ से आचार्य प्रतापादित्य जी के हार्दिक श्रद्धांजलि.
ओ.पी.अमृतांशु