surinam-sammelan13२७ दिसंबर २०१३ के सांझे भिखारी ठाकुर के १२६ वां जन्म दिवस मनावत सुरीनाम भोजपुरी संगीत संध्या के आयोजन सफल आ मजेदार रहल. कार्यक्रम भिखारी ठाकुर स्मृति न्यास आ एवियर एजुकेशनल हब का ओर से नोएड़ा सेक्टर ६२ में आयोजित भइल. ऑडिटोरियम दर्शक लोगन से खचा-खच भरल रहे आ सभागार ताली के गड़गडाहट से लगातार गूंजत रहे.

अतिथि लोगन के तिलक लगा के आ पुष्प-गुच्छ देके स्वागत क के आयोजन के शुरुआत भइल.फेर, सरस्वती वंदना “हे माँ शारदे….” सुन के सभे के हद्वय भक्तिमय भइल. एकरा बाद भजन गायिका बिन्दू “प्रभू मेरे जीवन….” .गा के भक्ति रस से सभे के सराबोर कइली. एकरा बाद मंच पे बोलावल गइल सुरीनाम के भोजपुरी गायक राज मोहन जी के. राज मोहन जी सबसे पहिले “सात समुनदर पार कराई, एक नवा देश के सपना देखाई…..” गा के सभे के आपन पुरखा लोगन के दुख भरल कहानी सुनवलन. केहु अइसन ना होई जेकर आँख ना ड़बड़बाइल होखे. फेर भोजपुरी गजल “तोरे आंचल के हवा से…”, भोजपुरी पॉप “रोज हम तोहके लोरी..”, भोजपुरी फिल्मी गीत “चढ़ते फागुन जिया जरि गइल रे…” गा के सभे के मंत्रमुग्ध क दिहलन. सभ गीतन में दरद के बेयार बहत रहे. संगीत संध्या के आखिर में मशहूर गायक गजाधर ठाकुर के स्वरलहरी में सभे डुबकी लगावे लागल. एगो गाना खत्म भइला के बाद एगो अवरू गाना के फरमाइश होखत रहल आ भोजपुरिया लोग मस्त होके झूमत रहल.

कार्यक्रम के दौरान राज मोहनजी के सुरीनाम में भिखारी ठाकुर न्यास के अध्यक्ष बनावल गइल आ बिदेसिया सम्मान देके सम्मानित कइल गइल. पल्लवी मिश्रा के भिखारी ठाकुर साहित्य-संस्कृति सम्मान से नवाजल गइल.

आखिर में अध्यक्ष आर॰ एन॰ सिंह कहनी कि “अइसन कार्यक्रम भिखारी ठाकुर स्मृति न्यास के तरफ से हर महीना, दू महिना प होखत रही. नया-नया भोजपुरिया भाई-बहिन लोगन के उत्साह बढ़ावल जाई. काहे कि भोजपुरी आ भोजपुरिया खातिर हमनी के समर्पित बानी जा. कार्यक्रम के सफल बनावे खातिर हम हद्वय से सभे के अभार व्यक्त करत बानी आ साथ में धन्यवाद देत बानी.


(ओमप्रकाश अमृतांशु के भेजल रपट)

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