१० वां राष्ट्रीय विश्व भोजपुरी सम्मलेन के आयोजन २३ -२४ अप्रैल के त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश (उतराखंड ) में कइल जा रहल बा, जवना में देश आ देश के बाहर से हज़ारों के संख्या में साहित्यकार, कलाकार, गायक आ भोजपुरी प्रेमी भाग लीहें. सम्मलेन के उद्घाटन उतराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक करीहें. मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता कलराज मिश्र, अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व भोजपुरी सम्मलेन), अति विशिष्ट अतिथि – डा॰ राजा वशिष्ठ (अमेरिका), राजदूत (त्रिनिदाद), डा॰ सरिता बुधु (मारीशस), विशिष्ट अतिथि – कमल नारायण मिश्र (प्रदेश अध्यक्ष, उतराखंड), अरुणेश नीरन (अंतर्राष्ट्रीय महासचिव, विश्व भोजपुरी सम्मलेन), हरीश रावत (सांसद, हरिद्वार) अउर ओम प्रकाश यादव (सांसद, सीवान ) वगैरह उद्घाटन सत्र में भाग लीहें. दू दिन के एह आयोजन में एहू साल साहित्यिक परिचर्चा, विचार गोष्ठी, लोकरंग, नाट्यरंग, कवि सम्मेलन आ सम्मान समारोह के कार्यक्रम होई.
ई जानकारी देत विश्व भोजपुरी सम्मेलन दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज भावुक बतवलें कि ” विश्व भोजपुरी सम्मलेन २० करोड़ भोजपुरी भाषियन के एगो विश्व संगठन ह आ सोलह गो देश एकर सदस्य बा. भारत आ भारत के बाहर अब तक एकर चार गो विश्व सम्मेलन आ नौ गो राष्ट्रीय अधिवेशन हो चुकल बा. एह में भारत आ मारीशस के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री , सांसद , संस्कृतिकर्मी , कलाकार, भाषाविद अउर साहित्यकार लोग उपस्थित होके भोजपुरी के मान बढवले बा. विश्व भोजपुरी सम्मलेन भोजपुरी भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति आ जीवन शैली के प्रचार-प्रसार, संरक्षण अउर संवर्धन खातिर समर्पित एगो विश्व स्तरीय संगठन ह. विश्व भर में अपना श्रम, प्रतिभा, कल्पनाशक्ति आ समर्पण के कारण आपन विशेष स्थान बनावे वाला बीस करोड़ भोजपुरियन के एकता, आपसी संवाद, पहचान आ अपना मिट्टी के गंध बनवले रखे आ उनका खातिर एगो विश्व मंच उपलब्ध करावे के उद्देश्य से सन १९९५ में सेतु न्यास मुम्बई के सहायता से संस्था के स्थापना भइल रहे. मात्र पंद्रह वर्ष के छोट अवधि में सम्मेलन भोजपुरिया कला आ संस्कृति के क्षेत्र में त कीर्तिमान स्थापित कइबे कइलस, लाखो लोग के एक मंच पर जुटाके उनका अस्मिता के बोधो करवले बा.”
” विश्व भोजपुरी सम्मलेन २० करोड़ भोजपुरी भाषियन के एगो विश्व संगठन ह आ सोलह गो देश एकर सदस्य बा. भारत आ भारत के बाहर अब तक एकर चार गो विश्व सम्मेलन आ नौ गो राष्ट्रीय अधिवेशन हो चुकल बा. ”
त फेर उत्तरप्रदेश में एगो अकादमी खोलवावे क प्रयास… अबही ले ना भइल. अंतर्राष्ट्रीय आ विश्व … से नीचे के कऊ काम इहाँ नइखे… लेकिन भोजपुरी के धकिया के अपने आगे राखे के ? पहिले आपन घर अँजोर करिं फेर महजिद में दिया जलावल ठीक रही…. सम्मेलन खातिर बधाई
दिक्कत बा कि भोजपुरी के खबर भोजपुरी में ना आवेला. हिन्दी में आइल बा. अब पूरा खबर के भोजपुरी में लिखीं तब नू प्रकाशित करीं.
Sammelan ta khatam ho gayil hoi. Ka ka bhail tani pata chalit.
खाली सम्मलेने करावल जाई, कि भोजपुरी के हको दियावल जाई .
ओ.पी .अमृतांशु