बरीसन से शासक आ धनी लोग गरीबन पर अत्याचार करत आइल बा. अइसनके अत्याचार का पृष्ठभूमि पर बनत बा पराग फिल्म्स के भोजपुरी फिल्म “लल्लू बिहारी”. कहानी बा एगो ठाकुर के जे पूरा गाँव पर अपना आतंक आ जुल्म के परछाईँ डाल के अन्हार बना के रखले. ठाकुर प्रताप सिंह (राकेश पाण्डेय) अपना खिलाफ आवाज उठावे वाला एगो गरीब किसान राम सिंह के मरवा देत बा. राम सिंह के पत्नी आ लड़िका बेसहारा रहि जात बाड़े. आगा चल के जब ऊ लड़िका लल्लू सिंह (आलोक झा) बड़ होखत बा त ओकर दोस्ती ठाकुर के बड़ लड़िका बिहारी (बल्लू सिंह) से हो जात बा. बिहारी के जब पता चलत बा कि लल्लू के पिता के हत्या ओकरे बाप करवले रहे त ऊ लल्लू के साथ देबे लागत बा. एह दोस्ती से खिसियाइल ठाकुर जुल्म के हद कर देत बा कि दुनु के दोस्ती केहू तरह टूट जाव. इहे बात एह कहानी के खास कोण बा. फिल्म के निर्देशक पी॰ राजकुमार, कहानीकार राजीव झा, संगीतकार बैजू बंशी, गीतकार संजय सनेही आ अशोक सिन्हा, कैमरामैन राज खिलानी, आ फाइट मास्टर संजय बाड़े. फिल्म के दस गो गीत मो॰ अजीज, इन्दु सोनाली, विनोद राठौर, बबलू सिंह, खूशबू जैनम अणुपमा देशपाण्डेय, सोरेन भट्ट आ एस के दीपक का आवाज में बा.
(स्रोत – समरजीत)
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