जब से हीरो-हिरोईने परदा पर उट-पटांग हरकत कर के कॉमेडी करे के कोशिश करे लागल बाड़े तबसे फिलिमन में हास्य कलाकार हाशिया पर आ गइल बाड़े. बाकिर हीरो के जीरो साबित करे वाला हास्य कलाकार के महमूद साहब के परंपरा जिन्दा बा. महमूद साहब का बाद एह परंपरा के जॉनी लीवर आगे बढ़वलन. आ अब जॉनी के परंपरा के अउरी मजबूती देत बाड़े हास्य कलाकार सी.पी.भट्ट.

फ़िल्मी सर्कल में लोहा भईया के नाम से मशहूर सी.पी.भट्ट पेशा से वकील रहले लेकिन कुछ अलगा करे के चाहत उनुका के एक्टिंग के दुनिया में ले आइल. हंसे-हंसावे के शौक आ थिएटर के विरासत भट्ट साहब के एक्टिंग का दुनिया में जमा दिहलसि. भोजपुरी फिल्म “पिया तोहसे नैना लगे” से शुरू भइल उनुकर सफर हालिया रिलीज फिल्म “साजन चले ससुराल” तकले 50 से बेसी फिल्मन से होत गुजर चुकल बा. भट्ट साहब के सबसे बड़का खूबी ई कि ऊ अपना किरदार के सीमा बखूबी जानेले आ एहसे उनुका एक्टिंग में सहजता बनल रहेला. किरदार के सीमा से बाहर जाए के कोशिश कॉमेडी के लाउड बना देले, जवना से भट्ट साहब बचल रहेले. भट्ट साहब के एह खूबी से बॉलीवुडो खूब परिचित बा आ अबले E.M.I., हाल-ए-दिल, जाने क्या होगा रामा रे, जइसन हिंदी फिल्मन में काम कर चुकल सीपी भट्ट साहब अउरियो कई फिलिमन में नजर आवे वाला बाड़न. साथ ही साथ ऊ काली, अँधा-क़ानून, कालिया आ इंकलाब जइसन भोजपुरीओ फिलिमन में बहुते मशरूफ बाड़े.


(स्रोत : स्पेस क्रिएटिव मीडिया)

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By Editor

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