‘कोठा’ पर बिका गइली रिंकू घोष

अगरचे रिंकू घोष के बेहतरीन फिलिम देखे के मन होखे त इंतजार करीं ‘कोठा’ के. एह फिलिम में रिंकू घोष अइसनका कनिया बनल बाड़ी जवना के ओकर मरदे अपना मजबूरी में एगो कोठा पर बेच देता. रायपुर के मुक्तांगन में शूट भइल एह फिलिम में रिंकू घोष क भूमिका ‘बिदाई’ में उनुकर किरदार याद करा दी.

पिछला दिने उनुका से भेंट भइल त बतियावत में कहली कि उनुका चैलेंज पसंद आवेला. अउरीओ जवन बात भइल ओके नीचे देत बानी –

रिंकू आपके आवेवाली फिलिमन में से दर्शक केकरा के याद रखीहें ?रिंकू घोष के कि उनुका बेहतरीन परफार्मेंस के ?
हमरा उमेद बा कि दर्शक हमरा भूमिका के पसंद करीहें आ ढेर दिन ले याद रखीहें.

एह फिलिमन में राउर मौजूदगी बतावत बा कि एहमें आप ह्यूमन फैक्टरो दिहले होखब ?
सगरी फिलिमन में कशमकश, इमोशन अउर समझदारी बा. असलम शेख निर्देशित ‘रखवाला’ के कहानी देश भक्ति वाला बा जवना में देखावल बा कि उपर से सबकुछ नार्मल दिखला का बावजूद आदमी सोचत बा कि ऊ का कर सकेला. ‘गंगा जमुना सरस्वती’ त अतना बड़हन स्टार कास्ट वाली ऐतिहासिक फिल्म ह कि पूछीं मत. आ ‘साली बड़ी सतावेली’ में दू गो बहिनन के कशमकश बा.

का ई फिलिम नयका दौर के फेर से परिभाषित करीहें स ?
ई कहल त अभिमानी हो जाई बाकिर ई फिलिम मजेदारो होइहें स आ स्टाइलिशौ. ‘अंधा कानून’ में मेगा स्टार मनोज तिवारी के साथे हमार भूमिका बहुते चुलबुली आ मुंहफट नायिका के बा.

आप त एक्शन रिवेंज वाली ‘इंसाफ के डंका’ फिलिमो साईन कइले बानी ?
‘इंसाफ के डंका’ एक्शन रिवेंज ना बलुक एक्शन जोन के फिलिम कह सकीलें. एकर निर्देशक एम.आई.राज जी जब पहिला बेर हमरा के ‘केहू हमसे जीत ना पाई’ ला साईन कइले रहन त कहले रहन कि हमरा के ग्लैमरस देखावे क बा, ओह ग्लैमरस भूमिका में हमरा के देखके लोग चिहुँकलो रहे. एम.आई. राज जी के सिनेमा के बहुते नॉलेज बा.

एह घरी आपके ‘कोठा’ फिलिमो के बहुते चरचा होखत बा. मानल जात बा कि ई भूमिका बहुते टफ रहल ?
‘कोठा’ में हमर भूमिका तनिका इमोशनलो बा आ तनिका खिसियाहो. बाकिर सुलझल करेक्टर बा, हमरा ला एहू फिलिम में दोसरा फिलिमन का तरह बहुते लेंथ बा.

रिंकू जी फिलिमन में व्यस्तता क बावूजूद छोटका परदा खातिर रुचि राखल कइसे सम्हारीले ?
आजु त बड़का से बड़का स्टार एडजेस्ट करतारें. अबहीं हम ‘धनिया के थाना’ शो में अंजन टीवी पर आवत बानी जब ‘दुर्गेश नंदिनी’ करत रहीं तबहियो ई सवाल उठल रहे. हमरा चैलेंज पसंद आवेला.

‘धनिया के थाना’ का ह ?
ई बिहार के एगो लेडी इन्स्पेक्टर के कहानी ह जे सभकर प्राब्लम कानून के दायरे में रहके दूर करेले आ सभका के सुधार देले.

छोटका परदा के शेड्यूल त थकावे वाला होलें ?
ना त ! हम त हमेशा तरोताजा महसूस करीलें. छोटका परदा का जरिए हम लेडीज दर्शकन ले चहुँप दकीलें एह बात के आभास हमरा ‘दुर्गेश नंदिनी’ के समय हो गइल रहे.

आप त बहुते स्लिम एण्ड फिट नजर आवत बानी ?
हँ, आ एकरा ला बहुते मेहनतो कइले बानी.

आप अपना फिलिमन में तरह तरह के शैलियन के इस्तेमाल करीलें. का ई सोचल समुझल फैसला होला ?
ना. ई त निर्देशक पर होला.


(शशिकांत सिंह, रंजन सिन्हा)

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