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गुंडाराज को खुली चुनौती है “राजा जी “

by | Dec 5, 2011 | 0 comments

डाइरेक्टर रवि एच कश्यप की अगली पेशकश “राजा जी” ऊपरी तौर पर तो एक फार्मूलाबद्ध मसाला भोजपुरी फिल्म ही नज़र आती है लेकिन इसमें गुंडाराज के खिलाफ आम आदमी के आक्रोश को बड़े ही स्टाइलिस तरीके से पेश करने की कोशिश की गयी है. “राजा जी” मनोज पाण्डेय और सुप्रेरणा सिंह जैसे लोकप्रिय सितारों से सजी एक एक्शन पैक्ड फिल्म है जिसे डाइरेक्टर रवि कश्यप ने भोजपुरिया कलेवर में पेश जरूर किया है लेकिन इसका फ्लेवर आम भोजपुरी फिल्मों की तरह कसैला नहीं है..

फिल्म में मनोज पाण्डेय द्वारा किये गए हैरत अंगेज़ स्टंट आपको भोजवुड के बदलते मिजाज़ से भी रु-ब-रू करवाएंगे. रोमांस हो या एक्शन या फिर कुछ और भोजपुरी फिल्मे लकीर के फ़कीर वाले स्टाइल से शुरू हो कर एक बेहूदा किस्म के क्लाइमैक्स पर पहुँच कर दम तोड़ देती हैं. लेकिन रवि कश्यप की मानें तो राजा जी एक्शन ज़ोन में आपको एक नयी ताजगी का एहसास करवायेगी. फिल्म के हर पहलू को एक नए नज़रिए से पेश करने की कोशिश की गयी है. यूथ आइकॉन मनोज पाण्डेय और युवा दिलों की धड़कन सुप्रेरणा सिंह की रोमांटिक और पोपुलर जोड़ी इस फिल्म का एक और प्लस पॉइंट है. ये जोड़ी पहले भी कई फिल्मों में अपना जौहर दिखा चुकी है.

रवि कश्यप का दमदार डाइरेक्शन और तकनीक को लेकर उनकी गहरी समझ फिल्म को एक नयी ऊंचाई बख्शेगी, इसमें कोई शक नहीं. रवि कश्यप के राजा जी उर्फ़ राजा मिश्रा पोलिस इन्स्पेक्टर होते हुए भी ना तो ज़ंजीर के विजय खन्ना हैं और ना ही सिंघम के बाजीराव सिंघम. बल्कि राजा मिश्रा ख़ास ठेठ शैली के पुलिसिया हैं जिनका गुनाह और उसके खात्मे को लेकर अपना नजरिया है. वो जैसे को तैसा वाली शैली में विश्वास रखते हैं. एक गुंडे के कई माई-बाप हो सकते हैं लेकिन हर गुंडे का बस एक ही बाप है – राजा मिश्रा. तो भला कौन होगा जो इस जांबाज़ के कारनामों को देखना नहीं चाहेगा. बस कीजिये थोड़ा इंतज़ार. इंतज़ार की ये घड़ी ज्यादा लम्बी नहीं है.


(स्रोत – स्पेस क्रिएटिव मीडिया)

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