हिंदी सिनेमा के “तेरी मेहरबानियां, अर्जुन देवा, खतरों के खिलाड़ी, बाजार, सुरूर” वगैरह फिल्मन के संगीत देके आपन एगो सफल छवि बानवे वाला संगीतकार राज सेन आजु भोजपुरी सिनेमा के उम्दा संगीतकारन में गिनल जाले. भोजपुरी फिल्म “बाबुल प्यारे” से सफर शुरु कर के राज सेन अब ले “बांके बिहारी, कानून हमार मुट्ठी में, अब त बन जा सजनवां हमार, प्यार जब केहू से हो जाला, पूरब पश्चिम” वगैरह दर्जन भर फिल्मन में संगीत दे चुकल बाड़न. राजसेन संगीत से जुड़ल राजस्थान के एगो परिवार के हउवें एहसे बचपने से संगीत के सेवा करत आइल बाड़न. कहेलें कि रविकिशन, उदित नारायण आ दीपा नारायण का चलते भोजपुरी सिनेमा में संगीत दिहल शुरु कइलें. राज सेन खातिर फिल्म के भाषा खास ना होले ऊ त बस संगीते के भाषा बोलेलें, जियेलें. उनुकर कहना बा कि भोजपुरी में अश्लीलता के बाति करे वाला लोग हिन्दी के “मुन्नी बदनाम हुई” भा “शीला की जवानी” के कहीहें ? राज सेन के संगीत से सजल जवन भोजपुरी फिल्म आवेवाली बाड़ी सँ ओह में “पिंडदान, खेला, तहलका” आ “शूटर शुक्ला” के नाम खास बा.


(स्रोत – उदय भगत)

Loading

By Editor

%d bloggers like this: