“होनहार वीरवान के होत चिकने पात” कहावत सही साबित कर दिहले बीस बरीस के प्रदीप पांडेय उर्फ चिंटू. भोजपुरी फिलिम इंडस्ट्री आ भोजपुरी फिलिमन के पुर्नजन्म का बाद साल 2013 में एगो फिलिम रिलीज भइल बा ‘जीना तेरी गली में’. वइसे त अनेके फिलिम अपना सफलता से सिनेमा भोजपुरी के फेर से टिकावे में अइसन लगले कि अमिताभ बच्चन जइसन महानायको के भोजपुरी परदा पर आवे पड़ल. सिनेमा भोजपुरी के फेर से जमावे में गायक से अभिनेता बनल मनोज तिवारी के आगम बहुते शुभ रहल. एहसे गायक से अभिनेता बनल सितारन पर दर्शकन के मिजाज जमे लागल. हालांकि ओही दरम्यान रविकिशनो नायक बनल आपन काम बखूबी करत रहलें. ओह जमाना में मनोज तिवारी मृदुल आ रविकिशन सिनेमा भोजपुरी के मजगर खंभा रहलें जवना लोग पर सगरी इंडस्ट्री के बोझा टिकल रहुवे. तबो लोग के कहना रहे कि सिनेमा भोजपुरी में गायक से नायक बनल सितारे टिकीहें. मनोज तिवारी, दिनेश लाल यादव निरहुआ, पवन सिंह, सुमित बाबा, सुनिल छैला बिहारी, छोटू छलिया, खेसारी लाल यादव आ कल्लुआ वगैरह के कड़ी एह धारणा के मजबूत करत गइल. दोसरा ओर रविकिशन, विनय आनंद, सुदीप पांडे, अजय दीक्षित, अविनाश शाही, प्रवेश लाल यादव आ प्रदीप पांडे चिंटू जइसन नायको दर्शकन के प्यार आशीर्वाद बटोरे में उनइस ना पड़लन. देखीं त सिनेमा भोजपुरी के दर्शकन के दू गो पाँत बा, जवना में से एगो गायक से नायक बने वालन के आ दोसरका मूल रुप से नायके बन के आवे वालन के पसंद करेला.
सिनेमा जगत में सफलता के पैमाना फिलिमन के कमाई होला. सगरी निर्माता, वितरक, सिनेमाघर मालिक इहे चाहेलें कि उनकर कमाई अधिका से अधिका होखे. एह पैमाना पर गायक से नायक बने वाला अभिनेता पहिला पसंद बाड़े एह लोग के. बाकिर दर्शकन का बारे में इहे बात ओतने जोर से ना कहल जा सके. एकर सबले ताजा उदाहण बा ‘ जीना तेरी गली में’फिलम. ई फिलिम सगरी पैमाना बदलत नया इतिहास रचे जात बिया.
एह फिलिम ‘जीना तेरी गली में’ से अइसन नायक के आगम भइल बा जेकरा बारे में आराम से कहल जा सकेला कि ‘देखन में छोटन लगे घाव करे गम्भीर’. बीसे बरीस का उमिर में सिनेमा के रुपहला परदा पर जवना तरह से अभिनय के बारिकियन के समझदारी क साथ अपना अभिनय में समाहित कर चिंटू आपन कौशल देखवले बाड़ें लाग ता कि उनुका माता सरस्वती के वरदान मिलल बा. अभिनय, नृत्य, कॉमेडी, एक्शन आ इमोशन के सगरी गुन से लबरेज एह चेहरा पर झलकत आत्मविश्वास जतावत बा कि सबसे कम उमिर के नायक प्रदीप पांडेय उर्फ चिंटू के अभिनय कौशल विरासत में मिलल बा. एहसे पहिले चिंटू आपन कलाकारी बाल कलाकार का रूप में दिवाना, सात सहेलियॉं, देवरा बड़ा सतावेला, मैं नागीन तू नगीना, सौगन्ध गंगा मईया वगैरह फिलिमन में देखा चुकल रहलें. ओह घरी लोग कहत रहे कि एगो निर्देशक के बेटा हउवें. अब अगर विद्वान शिक्षक का लगे प्रतिभावान शिष्य होखे त निश्चित रूप् ऊ शिष्य कमाल कर देखाई. अइसने भइल बा चर्चित आ कुशल निर्देशक राज कुमार आर पांडेय आ अभिनेता प्रदीप पांडेय चिंटू संगे. राज कुमार आर पांडेय निर्देशित सगरी फिलिम हिट भइल बाड़ी सँ. कहे वाला त कहेले कि राजकुमार आर पांडे के नामे सफलता के गारंटी होला. अब उनुका हर फिलिम में प्रदीप पांडेय चिंटू बाल कलाकार बनत रहले आ लोगो कहत रहे कि बाप निर्देशक बाड़े त बेटा के हीरो बनाइए दीहें. मानत बानी कि बाप के निर्देशक होखला का चलते प्रदीप चिंटू के मौका मिलत गइल बाकिर औह मौका के फायदा उठावत आपन कला देखावत टिकल रह गइल एहु ले बड़ बात बा.
अब नायक का रूप में अपना पहिलके फिलिम से प्रदीप पांडे उर्फ चिंटू फिलिम देखे वालन के मिजाज बदल दिहले आ दर्शक प्रदीप पांडेय उर्फ चिंटू के युवा हृदय सम्राट मानत आपना भरपूर प्यार आ आशीर्वाद दे दिहलें. ई हमनी के भोजपुरी इंडस्ट्री ला गौरव के बात बा. बड़ खानदान भा बड़ बाप का घरे जनमल किस्मत के बात होला बाकिर ओह परम्परा के, मर्यादा के बनवले राखल आदमी के अपना चरित्र आ इच्छा शक्ति पर निर्भर करेला. एगो जानल मानल निर्देशक अपना बेटा के स्टार बना दिहलें आ बेटो अपना मेहनत, लगन, इच्छा शक्ति लिहले अनुशासन मे रहके अपना बाप के पगड़ी के लाज रख लिहलन आ कुल खानदान के नाम रौशन कर दिहलन.
त आईं निर्देशक राजकुमार आर पांडेय के बधई दिहल जाव आ प्रदीप पांडेय उर्फ चिंटू के एह सफलता के बनावे रखला के शुभकामना.
(संजय भूषण पटियाला)
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