भोजपुरी सिनेमा पर फूहड़पन ले के हमेशा अंगुरी उठत रहेली सँ. एही अछरंग के मेटावे धोवे के कोशिश करत आवत बा बाबा मोशन पिक्चर्स जे भगवान आ भक्त के कहानी प अपना बनल फिलिम ‘डमरू’ से ई काम करी. भोजपुरी सिनेमा से दूर होखत दर्शकन के धारणा फेरु पवित्र करे ला गंगाजल के काम करी फिलिम डमरू. हालही में एह फिलिम के जारी भइल पोस्टर देखि के त अइसने लागत बा. वइसे त भगवान आ उनुका भगति के परंपरा सदियन से चलल आवत बा बाकिर मौजूदा हालात में परिवेश का ह्साब से भक्ति आ श्रद्धा के अइसने कहानी लेके आई बहुचर्चित भोजपुरी फिलिम ‘डमरू’.
एह फिलिम के पोस्टर के भव्यता लोगन के अपना ओरि खींचे में कामयाब होखी. पोस्टर में सुपरस्टार खेसारीलाल यादव त्रिशुल लिहले माथ पर चंदन लगवले नजर आवत बाड़न. अधिकतर फिलिमन में विलेन बन के आवे वाला अवधेश मिश्रा डमरू में भगवान के आधुनिक रूप में लउकत बाड़न. पोस्टर बाबा भोलेनाथ के आवरण में बनावल गइल बा जवन अपना आप में अलगे बा. भोजपुरिया संस्कार आ संस्कृति पर बनल एह फिलिम में मनरंजन आ हँसी मजाको भरपूर बा. फिलिम में ईश्वर के अस्तित्व के आजु का समय के जीवनशैली से जोड़ के देखावल गइल बा.
पोस्टर रिलीज का बाद ‘डमरू’ के बारे में बतियावत निर्माता प्रदीप कुमार शर्मा आ निर्देशक रजनीश मिश्रा कहलें कि जब केहू कवनो उम्मीद आ विश्वास का साथे अपना भाषा, संस्कृति अउर संस्कार लेके फिलिम बनावेला त समाजो के जिम्मेवारी होला कि एह काम के देखे आ सराहे जोग होखे त भरपूर सराहे. नीमन लागे त एकरा प चरचा जियावें. तबहिंये फिलिमकारन के हौसला बढ़ी आ ऊ नीमन फिलिम बनावे के हिम्मत करीहें. दुनु जने उमेद जतवलें कि ‘डमरू’ फिलिम भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री में बढ़िया बदलाव ले के आई आ भोजपुरी सिनेमा पर से फूहड़पन के अछरंग हटावल जा सकी.
(रंजन सिन्हा)
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