अब व्यभिचार-बर्बरता के विरोध हमेशा सड़क पर उतर के भा हथियार उठाईए के कइल जाव जरूरी नइखे. एकरा के हमनी का अपना अपना तरीका से देखा जता सकीले. नुक्कड़ नाटक से जन-जागृति आ गलत क़ाम के विरोध त होखते आइल बा. अब इहे काम निर्माता-निर्देशक अनिल सिनकर अपना अंदाज़ में शुरू कइले बाड़े. दिल्ली आ दोसरो जगहा पर होखत सामूहिक बलात्कार के विरोध करत अनिल सिनकर एगो फिलिमे बना डलले ‘तेरी कसम’. एकरा के ऊ सिरिफ फिलिम ना मान के आन्दोलन बतावत बाड़े. कहतारें कि मनोरंजक होखतो ‘तेरी कसम’ ऐह दरिंदन का खिलाफ एकजुट होखे के बिगुल बजावत बिया. पेश बा एहिजा निर्माता-निर्देशक अनिल सिनकर से भइल बातचीत के कुछ अंश :-
कइसन फिलिम हवे ‘तेरी कसम’?
एक्शन से भरपूर बाकिर साफ-सुथर आ मनोरंजक. एह फिलिम ‘तेरी कसम’ में देखावल गइल बा कि मेहरारू लड़िकियन पर होखत हमला, बलात्कार के विरोध कइल जरूरी बा. कह सकीलें कि फिलिम गैगरेप के खिलाफ बनावल गइल बा.
त ‘तेरी कसम’ कवनो साँच घटना पर आधारित बा?
है, बा. मुख्य मुद्दा दिल्ली में भइल गैंग रेप बा आ साथही कुछ अउरी घटना के जोड़ल गइल बा. एकरा के कवनो खास घटना के रिपोर्ट मत मानल जाव. एकरा के तरीका से फिलिमावल गइल बा.
एकरा के भोजपुरी के ‘सत्या’ कह सकीले का ?
(हंसतारे) है, घटना त वइसने बा. अपहरण, बदला वगैरह. ट्रीटमेंट भा टेस्ट के हिसाब से, निर्माण के स्तर पर ई भोजपुरी के ‘सत्या’ ज़रूर बा लेकिन एकरा के ‘सत्या’ के नकल ना कहल जा सके, ना ही ओकरा से मिलत जुलत कवनो सीन बा एहमें.
‘तेरी कसम’ के कलाकार के-के बा?
खेसारीलाल यादव, मोनिका सिंह, शुभि शर्मा, उमेश सिंह आ दीपक भाटिया मुख्य भूमिका में बाड़े, अविनाश झा (घुंघरू) के सुंदर संगीत बा. दू गो बढ़िया आईटम नम्बरो बा. फिलिम बहुते खूबसूरत बनल बा आ दर्शक पसंदो करत बाड़े. कहल जा सकेला कि फिलिम दर्शकन पर आपन छोड़े में कामयाब रहल बिया.
खेसारीलाल के लिहला के जरुरत रहे कि मार्केटिंग के फण्डा रहल. दू गो नायिका माने कि प्रेम-त्रिकोण?
खेसारीलाल के लेबे के दुनु कारण रहुवे. कॉलेजिया छात्र में उहे जंचते आ एह घरी भोजपुरिया दर्शकन का बीच उनकर जबरदस्त क्रेजो बा. रहल बात दू गो नायिकन के त प्रेम-त्रिकोण सही में बा. मोनिका सिंह पहिला नायिका बाड़ी जिनका साथे बलात्कार होखत बा. शुभि शर्मा दोसरकी नायिका बाड़ी जे एगो टीवी रिपोर्टर हई आ उहे केस के पर्दाफाश करत बाड़ी, दोषियन के बेनकाब करत बाड़ी.
आप त मराठीभाषी हईं. रत्नागिरी आ मुंबईए ले सिमटल रहनी, फेर भोजपुरी फिलिम के खयाल काहे आइल, मराठी के काहे ना ?
कॉलेज के जमाना में रंगकर्म से जुड़ल रहीं. मकरंद देशपांडे के समीप अइनी त ई इच्छा अउर बलवती हो गइल. मार्केटिंग का हिसाब से भोजपुरी के बड़हन बाजार बा, इलाकाई फिलिम में भाग्य आजमावे में सबले सेफ बा. अपना पहिलका फिलिम ‘गजब सिटी मारे….’ में हम सिरिफ निर्माता रहनी. हमरा लागल कि फिलिम के तनिका भव्य पैमाना पर, पूरा रिचनेस का साथे बनावल चाहीं. से ‘तेरी कसम’ में रउरा निर्माण के भव्यता लउकी.
(शशिकांत सिहं, रंजन सिन्हा)
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