तीन डेगे त्रिलोक
“तीन डेगे त्रिलोक” गंगा प्रसाद ‘अरुण’ के भोजपुरी हाइकु संग्रह हटे, जवना के प्रकाशन सन् 2013 में सिंह्भूम जिला भोजपुरी साहित्य परिषद्, कृष्णा भवन, विवेक नगर, छोटा गोविंदपुर, जमशेदपुर-831015 से भइल बा. एकर कीमत 100 रुपिया बाटे.
मानवीय संवेदना के गीतकार अरुण जी के हाइकु भी इहाँके गीते नियन प्रभावशाली बाड़े सन. एगो बानगी देखीं-
कहल जाला
गदहो के बाप
काम परले.
कहाँ बुझेले
बानर बकलोल
आदी के गुन !
(“तीन डेगे त्रिलोक” से)
एह संग्रह के सभे हाइकु का सङे खास कर पाँच गो हाइकु गीतन खातिर त हम ईहे कहल चाहबि कि –
अवसि देखियहिं देखन जोगू.
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल
ramraksha.mishra@yahoo.com
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