पिछला 15 नवम्बर 2023 के मऊनाथ भंजन, मऊ के हिन्दी भवन में वरिष्ठ कवि पंडित दयाशंकर तिवारी के भोजपुरी काव्य संग्रह “नाहीं लउके डहरिया के छोर” के भव्य लोकार्पण-समारोह पूर्वांचल साहित्य कला परिषद के तत्वावधान में आयोजित कइल गइल.

मऊ जनपद के भद्र अउर सुधी जनन का उपस्थिति में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो वशिष्ठ अनूप का हाथे पुस्तक के विमोचन भइल. वाराणसी के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो वशिष्ठ अनूप समीक्षा,समालोचना, संपादन कइला का साथही समकालीन हिन्दी के शीर्ष गजलकारन में गिनानीं.

विमोचन करत प्रो. वशिष्ठ अनूप कहनी कि पंडित दयाशंकर तिवारी लोकजीवन के चहेता रचनाकार हईं आ इहाँ के कवितन में जिनिगी आ रिश्तन के डोर खूबसूरती से पिरोवल मिलेला.

समारोह के अध्यक्षता खंडेलवाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा रामनिवास राय जी कइनी.

विशिष्ट अतिथि प्राचार्य प्रो. शर्वेश पांडेय जी कहनी कि तिवारी जी के रचनन में हालिया व्यवस्था आ सहज जीवन शैली के झलक मिलेला.

कार्यक्रम संयोजक मृत्युंजय तिवारी जी के कहना रहल कि कविता जब बुद्धम शरणम् गच्छामि होले त बुद्धम शरणम् गच्छामि हो जाले. इहे जब रविन्द्रनाथ ठाकुर के शांतिनिकेतन ले चहुँपेले त एकला चलो के सनेश देले.

कार्यक्रम संचालन डॉ कमलेश राय कइनी.

समारोह में आइल अनेके विद्वान सुधीजन आपन विचार बतवनी. एहमें डा रामनिवास राय, कंचन लता पांडे, श्रीमती मधु राय, डॉ राजीव तिवारी, हरेराम सिंह, मृत्युंजय तिवारी, डा एस एन खत्री वगैरह के नाम गिनावे जोग रहल.

पुस्तक विमोचन का बाद भइल कविता पाठ वाला सत्र में बाबूनंदन, जितेन्द्र मिश्र, लालबहादुर, मृत्युंजय तिवारी, कमलेश राय आदि के कविता पाठ भइल. कार्यक्रम में प्रो वशिष्ठ अनूप, डा वसीमुद्दीन जमाली, डॉ अरविन्द, डॉ नम्रता, जयनारायण दुबे, ऋषिकेश पांडेय, प्रमोद सिंह, शशिप्रकाश राय, जितेन्द्र राय, रामजी तिवारी, देवेश राय, पंकज तिवारी, रामाश्रय सिंह, रामसनेही राय,स्वामीनाथ पांडेय, सुरेन्द्र राय, डा शकुन्तला तिवारी, उर्मिला राय, शुचि तिवारी , चन्द्रकला उपाध्याय, आदि भद्र जन उपस्थित रहनी लोग.

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