चबा ना सकीं त चभुलाई काहे ना (बतकुच्चन – १५३)

by | Mar 25, 2014 | 2 comments

admin
रंग बरसे भींजे चूनर वाली वाला गाना के एगो लाइन आजु बरबस याद आवत बा कि चाभे गोरी के यार बलम तरसे रंग बरसे. आ साथही याद आवत बा लइकाईं में सुनल एगो कहानी के बाल नायक के बोल कि सात गाय के सात चभोका, चौदह सेर घीव खाँउ रे, कहाँ बारे तोर बाघ मामा एक तकड़ लड़ जाउँ रे.

फगुआ बीतला अबहीं कुछे दिन भइल बा आ ओकरा मस्ती के खुमार अबहीं ले बनल बा. एह बीच बुढ़ऊ फेरू छरिया गइल बाड़न. आ उनकर छरियइलके हमरा के मजबूर क दिहलसि चभोका पर चाभी भरेला. चुनाव कपारे बा आ सभे जानत बा कि सत्ता के चाभी एह चुनावे से निकले वाला बा. आ हालत आल्हा वाला हो गइल बा कि जवनकन के के कहो बुढ़वो बहत्तर हाथ फाने लागल बाड़ें. हँ त चभुलावे से पहिले चलीं तनी चबावल जाव.

चबावल आ चभुलावल में फरक होला. चाभे ला बत्तीसो ना त कुछेक दाँत जरूरे जरूरी होला. बिना दाँत चाबल ना जा सके बाकिर चभुलवला में एह तरह के कवनो बंदिश ना होखे. जेकर सगरी दाँत टूट गइल होखे उहो बड़ा मजा से चभुला सकेला अपना मसूढ़ा आ जीभ का सहारे आ लोग चभुलावल करतो रहेला. बबूनी ससुरा ना जाली मने मने गाजेली वाला अंदाज में उहो बुढ़उ मने मन सपना देखत रस ले लेके चभुलावेलें जिनका ला चबावे के काम डरावना सपना बन गइल होखे. कहल जाला कि हिंदूवन के बुढ़वा सठिया जालें अब ई साँच ह कि ना से त पता नइखे बाकिर अतना जरूर देखीलें कि घर के बुढ़वा के अपने नींद ना आवे त ऊ दोसरो के सूते ना देव. बेर बेर ओकरा कवनो बात याद पड़ी आ ऊ आवाज लगा लगा के रजाई में दुबकल जवान सवाँग के जगावत रह जाई जब ले ऊ जवान अनसा के झूंझूआ ना देव. कुछ अइसने हाल अबकी का चुनाव में लउकत बा.

एगो पुरनिया जिनकर उमिर हो गइल बा कि गिरस्थी तज के राम राम भजसु उनका से गिरस्थी के मोह छूटत नइखे. बेर बेर कवनो ना कवनो बात प छरिया जात बाड़ें. शायद मन में बा कि हम ना खाएब त तोहरो के ना खाए देब. चभोका मारे चलबऽ त गईए के हुरपेट देब आ तहार चाभे के सपना सपने रहि जाई. बाहर के दुश्मन से निपट लीहल आसान होला बाकिर घर के दुश्मन से निपटल आसान ना होखे. ओकरा ला महाभारत के युद्ध में अर्जुन के ज्ञान देबे वाला कृष्ण जइसन कवनो सारथी के जरूरत होला. अब अबकी का कृष्ण के सारथी में अइसन गुण बा कि ना से देखे के बात होखी. तले एह बीच चलीं चभोका आ चभुलावल पर बतिया लीहल जाव.

भर गाल खाइल चभोका होला आ थान से दूध पियलो के चभोका कहल जाला काहे कि ओहूमें गाले का सहारे दूध खींचाला. चभुलावे में बाहर से कुछ खींचे के ना होला. जवन होला तवन पहिलहीं गाल का भीतर होले आ ओकरे के चभुलावत रहल जाला. एह चभुलावल के तुलना भईंस के पगुरइला से कइल जा सकेला. भईंस के आगे बीन बजाए, भईंस खड़ी पगुराय. पता ना बुढ़उ मनीहें कि ना आ मनीहें त कब मनीहें बाकिर हम ओकर इंतजार ना कर सकीं. बतकुच्चन के कड़ी भेजे के डेडलाइन पार करे प बा आ ओकरा पहिले हमरा भेज देबे क बा एह कड़ी के. तबले रउरो चभुलाईं मन के कवनो सपना. अगिला बेर मिलब त आगे क बात होखी.

Loading

2 Comments

  1. kiran

    वाह क्या बात है।

  2. ओमप्रकाश अमृतांशु

    बतकुच्चन के बात निराला बा। ….

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up