भोजपुरी में एगो कहाउत कहल जाला कि जबरा मारबो करे आ रोवहू ना देव. कुछ कुछ इहे हाल हो गइल बा देश के. सरकार में शामिल लोग हर तरह के करम कुकरम करे में लागल बा बाकिर केहू के ओकरा खिलाफ मुँह नइखे खोले देत. बाबा रामदेव अइसन कोशिश कइलन त तमाम सरकारी मशीनरी उनुका आ उनुका सहयोगियन का खिलाफ खड़ा हो गइल बा आ ओह लोग के पुरनका खाता खतियान खोल खोल के खोजल जा रहल बा कि कहवाँ का गड़बड़ी बा आ एकरा में केकरा के फँसावल जा सकेला. दोसरा तरह से कहीं त सरकार चाहत बिया कि लोग मुँह पर जाबी लगा लेव. अब ई मत पूछीं कि जाबी का कहाला ? बैलन के जब दौनी में लगावल जाला त ओकनी का मुँह पर एगो कटोरी लेखा जाली बान्ह दिहल जाला जेहसे कि ऊ कुछ खा ना सके. कुछ कुछ वइसने जाबी सरकार लोगन का मुँह पर बान्हल चाहत बिया बाकिर एह खातिर कि लोग का मुँह से बकार ना फूटे. केहू कुछ कह ना पावे सरकार का खिलाफ. संसद के सत्र चल रहल बा आ मनमोहन सिंह चाहत बाड़न कि विरोधी दल का मुँह पर जाबी बान्ह दिहल जाव कि ऊ लोग संसद में उनुका से कवनो सवाल ना पूछ पावे. अन्ना हजारे का मुँह पर जाबी लगावे के कोशिश अलगे चल रहल बा. उनुका के अनशनो करे के छूट नइखे दिहल जात. पुरनका जमाना में जइसे ब्रिटिश हुकूमत गाँधी बाबा के अनशन से डेरात रहुवे कुछ वइसने हाल हो गइल बा सरकार के अन्ना का बारे में. करोड़ो के साम्राज्य सम्हारे वाला बाबा रामदेव के सम्हारल त आसान रहल बाकिर करोड़न दिल पर राज करे वाला अन्ना के सम्हारल ओतने मुश्किल होखे जा रहल बा काहे कि ना त अन्ना का लगे करोड़ो के संपत्ति बा, ना स्विस बैंक में खाता, ना कवनो घपला घोटाला में हाथ. अब अइसनका अन्ना के कइसे सम्हारल जाव इहे चिन्ता सरकार के खइले जात बा. जहिया ले ई बतकुच्चन रउरा सोझा आई तहिया ले बहुत कुछ हो चुकल होखी बाकिर ओकर हम कवनो अन्दाजा नइखी लगा सकत. जब होई तब देखल जाई. अबहीं त बस अतने कहल चाहब कि जवना काम से मुँहे करीखा लागे के अनेसा होखे ओकरा से होखल आमदनी करिया धन कहाले. ओकरा के लाल पियर गेँहूवन वगैरह रंग के ना बतावल जा सके.