– तारकेश्वर राय

जोगीरा सा रा रा रा …

राब गुर त भेटाते नइखे, महंग भइल चाउर ।।
बी.पी.एल. के कारड लेके, झनकऽ का करबऽ आउर ।।

जोगीरा सा रा रा रा …

का करबऽ भोपाल जाके, कइसे तोड़बऽ मायाजाल के ।।
रंग अबीर ढोल आ चंग बा, होली क ख़ुशी परिवारे के संग बा ।।

जोगीरा सा रा रा रा …

रार, द्वेष के भांगे में पीसऽ, डाह, जलन के रंगे में मीसऽ ।।
होली मनावऽ ढोल बजा के, गुझिआ खा के, फगुवा गा के ।।

जोगीरा सा रा रा रा …

होलिया के बहाने, सबके बटोरऽ, भरिके अंकवारि में मनवा टोवऽ ।।
नाता के फुलवारी के राखऽ हरियर, राखऽ नेह भउजी जइसे नइहर ।।

होली ह भाई होली ह बुरा न मनीह होली ह ।

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By Editor

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