– मिथिलेश गहमरी
जरूर चाँदनी बिहँसी सुतार होखे दीं,
उदास चान के गरहन से पार होखे दीं.
बन्हाई काँहे ना जिनगी क पीर मूट्ठी में,
हिया के पीर त अउरी सयार होखे दीं.
इहे बा साँच कि, ओहारो बेच के खइहन,
हुजूर, डोलीके उनके कहाँर होखे दीं.
के बाटे काँच के टुकड़ा, के बा असल हीरा,
पता त लागिए जाई, अन्हार होखे दीं.
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ग्रा॰ पो॰ गहमर, जिला गाजीपुर – 232327 मोबाइल – 09451936687
बहुत नीक.