– ओमप्रकाश अमृतांशु
रुनु-झुनू, झुनू-झुनू झुनके पैजनिया.
खनके कंगना .
मोरी देवी अइली डुमरी के फुल हो,
झुलुअवा लगावऽ अंगनवा ना.
शुभ नवरात शुभे-शुभे घरी आइल,
चंपा-चमेली फुल केदली फुलाइल,
दवाना-मडुआव़ा के संघे खिलखिलाइल ओढउलवा ना.
सोरहो सिंगार होठे भरल मुसुकान बा,
दमके ला रूप जइसे भइल बिहान बा,
सिरवा पे शोभेला मुकुटवा हाथे तिरशुलवा ना.
चरणन धुर में सुगंध भरल चन्दन,
पउँआ पखारे खातिर करे लोग वंदन,
उमडल उमंग गूंजे धरती गगनवा बाजेला बजनवा ना.
अंचरा संवारे अइली दुखवा संहारे,
निबुदल जिनिगी के बगिया निखारे,
झुरू-झुरू निमिया पे झुमत बाटे शीतल बेयारवा ना.
मोरी देवी अइली डुमरी के फुल हो ,
झुलुअवा लगावऽ अंगनवा ना.
ओमप्रकाश अमृतांशु युवा चित्रकार आ भोजपुरी गीतकार हऊवन. इनकर सृजित कलाकृतियन के देश में आयोजित होखे वाला अखिल भारतीय चित्र -प्रदर्शनियन में नई दिल्ली ,वराणसी, जोरहट , धनबाद, पटना,आरा आदि शहरन में देखावल जा चुकल बा. राज्य – स्तरीय चित्र प्रदर्शनी, आरा के आयोजन समिति के सदस्यो रहल बाड़े आ. दर्जनों नुक्कड़ चित्र -प्रदर्शनियों में भागीदारी आ एकरा अलावे देश के प्रतिष्ठित पत्र -पत्रिका में रेखांकन प्रकाशित हो चुकल बा.
इनकर लिखल गीत भोजपुरी गायिका देवी आ पूजा गौतम अपना स्वर से सजा चुकल बाड़ी. साथही मशहुर चित्रकार भुवनेस्वर भास्कर के बहुचर्चित परफार्म “परिणति ” के गीत- लेखनो में सहयोगी रहल बाड़े.
जय दूर्गा माईया जय जय दूर्गा माईया
Jai Ho DEvi
VERY NICE
verrryyyy nice