– रामरक्षा मिश्र विमल
हिंदी लीखे में पानी छूटेला हमरा
भजपूरी* काहें लिखवावत बानी भाई ?
पग पग पर गूगल के सरन लिहींला
कवनो भाषा से अनुवाद करींला
भलहीं पेपर के कोश्चन बूझे ना केहू
समझा-समझा के लिखवावत बानी भाई.
बचने ना लिंगो पर आफति आई
हाथी आ दहियो के ईजति जाई
गदहा के सिंघिए हो जाई भी आ ही ओ
अस इक्सरसाइज करवावत बानी भाई.
रउरा लागत बा लइका पढ़िहें सन
पढ़िके इंजिनियर डीएम बनिहें सन
बुधुओ के लइका भीरी फारेन भेजवाइबि
मजगर सपना मन अँखुआवत बानी भाई.
*भोजपुरी
धन्यवाद।
बहुत नीक ….