भउजी हो ! यज्ञ में कुकुरनो के नेवतल जाला का ?

ओकनी के नेवतला के का जरुरत ? ऊ त अपनहीं जुट जाले सँ पत्तल चाटे.

त भउजी केकरा के आ कवना क्रम में नेवता दिआला ?

कवनो यज्ञ-प्रयोजन के नेवता सबसे पहिले देवी-देवतन के, गंगा कावेरी आ सगरी नदियन के दीहल जाला. ओकरा बादे बाकी लोगन के नेवतल जाला. आ सबका के अलगा-अलगा नेवते के जरुरतो ना होला. यज्ञ में हर आदमी-औरत शामिल हो सकेलें, नेवतल गइल होखो चाहे ना.

आ मुख्य जजमान केकरा के बनावल जाला ? घर के हर सवांग के जजमान बनावल जा सकेला का ?

ना बबुआ जजमाने त एके गो होलें. उनुको बहुत विधि-विधान से तइयार होखे के पड़ेला ओह दिन आ सबेरहीं से उपवासो पर रहे के होला. घर के हर सवांग यज्ञ में शामिल त होला बाकिर सभका के जजमान ना बनावल जाला.

गाँव में कवनो यज्ञ होखो त ओकरा में मुखिया जी के जजमान बनावल जा सकेला का ? मुखिया के पद त राजनीतिक पद होला ओकरा के कवनो धार्मिक कार्यक्रम में कइसे बोलावल जा सकेला ?

ऐ बबुआ, इफ्तारी के भोज खाए बेरा त आजु ले केहू कबो ना पूछल कि धार्मिक कार्यक्रम में नेतवन के कइसे शामिल कइल जात बा ? इहाँ ले कि इफ्तार के खरचो सरकारे उठावत रहेली सँ.

इहे त बड़का कारण शिकायत के कि अब देश में हिन्दुवनो के कार्यक्रम में सरकार खुलेआम शामिल होखे लागल बिया.

ऐ बबुआ, सुनते बानीं कि जेकर जतना संख्या भारी ओकर ओतना भागीदारी. त देश में हिन्दू सबले बेसी बाड़ें त ओहनी के भागीदारिओ त ओहि हिसाब से मिले के चाहीं. रहल सवाल कुकुरन के नेवतला के त बबुआ ऊ जतना संख्या में चाहें आ सकेलें, बस पंगत में बइठ के खाए के जिद्द मत करऽ सँ. ओहनी के चहेटल ना जाई अतना त पक्का बा.

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कुछ त कहीं......

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