भउजी हो !
का बबुआ ?
एगो सवाल मेँ अझुरा गइल बानी. सोचनी कि तोहरे से ओकर गाॉठ सोझरवाईं.
कवन सवाल ? कईसन सवाल ? हमरा त लागत बा कि रउरा हमरा के परखल चाहत बानी.
ना भउजी, अइसन हिमाकत हम सोचिओ ना सकीं. हम त बस इहे सोचत बानी कि भोजपुरी आ इंडी गठबंधन एके जइसन बावे का ?
भोजपुरी आ इंडी गठबंधन के तुलना कइसे कइल जा सकेला ?
त चलऽ पहिले इंडी गठबंधने के बात क लीहल जाव. इंडी गठबंधन बनल काहें ?
मोदी से मुकाबला करे खातिर. दोसर कवनो कारण नइखे ओकरा लगे.
आ इंडी गठबंधन में बावे के के ?
हर राज्य के कवनो ना कवनो बरियार गोल.
त जब हर राज्य के कवनो ना कवनो बरियार गोल एह गठबंधन में बा तबो काहें लागत बा कि ओकरा बादो ई लोग मोदी के हरा ना पाई.
एहसे कि हर राज्य के समस्या अलग बा, हर गोल के नीति आ नियन्ता अलग बा. सभे आपन–आपन राग सुनावत बा, दोसरा के सुनल नइखे चाहत.
बस एकरे में जबाब लुकाइल बा भोजपुरी आ इंडी गठबंधन के समानता के. भोजपुरी के मुकाबला बा हिन्दी से. हिन्दी का लगे ऊ सबकुछ बा जवन अधिका लोग के चाहीं आ भोजपुरी का लगे ? तीन कोस पर पानी बदले पाँच कोस पर बानी (वाणी). बनारस के, गाजीपुर के, गोरखपुर के, बेतिया के, छपरा के, बलिया के, कहऽ त हर जिला के आपन एगो अलगे भोजपुरी बा. आ ई लोग चाहत बा हिन्दी से मुकाबला करे के! आजु ले भोजपुरी के एगो मानक वर्तनी, शैली, आ व्याकरण पर एक राय नइखे बन पावल. जबे कवनो भोजपुरी विद्वान से पूछल जाला त एके जबाब मिलेला – ई बड़ा अझुराह सवाल बा. बस एक बेर संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल हो जाव ओकरा बाद सगरी सवाल सुलटा लीहल जाई. ना त नौ मन तेल होखे वाला बा ना छँवड़ी नाचे वाली बिया.
से त ठीक कहऽतानी बबुआ. आ अब जात–जात एगो हमरो सवाल सलटवले जाईं.
का भउजी ?
झुण्ड आ गिरोह के फरक बता दीं.
जब ढेरे लोग एक जगहा होखे त ओकरा के झुण्ड कहल जाला. आ जब ओह झुण्ड के एगो सरदार बन जाला त ऊ गिरोह हो जाला !