pub-4188398704664586

भउजी हो !

by | Jan 25, 2011 | 0 comments

भउजी हो !

का बबुआ ?

गणतंत्र दिवस के बधाई ले लऽ.

रउरो के बधाई. बाकिर मुँह काहे बनवले बानी ?

का कहीं भउजी, बुझात नइखे कि कइसे विरोध करीं.

कवना बाति के ? काश्मीर में तिरंगा नइखे फहरावे दिहल जात एह बाति के, कि मनमोहन सिंह सलाह दिहले बाड़न कि तिरंगा पर राजनीति ना करी एह बाति पर, कि नीतीश आ देश के सगरी सेकूलर नेता लोग के बयान पर ? रउरा अनेरे परेशान बानी. सुनले बानी नू कि कुकुर के पोंछ बारहो बरीस पर पाइप में राखल जाव तबहियो सोझ ना होखी, पाइप भलही टेढ़ हो जाव.

त सब कुछ असहीं बरदाश्त कर लिहल जाव ?

ना त का करब ? देश के बहुसंख्यक आबादी इहे चाहत बिया त रउरा जइसन कुछ लोग के ढोल बजवला से का होखे वाला बा ? अतने गनीमत मनाईं कि देश के नाम नइखे बदलल जात, देश के झंडा नइखे बदलल जात, कम से कम ओकर एगो रंग नइखे हटावल जात. जतना मिलत बा ओतने में सबुर करीं. एगो उमरे अब्दुल्ला नइखन देश में पाकिस्तानी झंडा फहरावे वालन के तरफदारी करे खातिर. ढेरे लोग बा. कतना लोग के नाम गिनाईं ?

चलऽ भउजी. बाकिर अब हम तबले झण्डा ना फहरायब जबले अइसनका नेतवन से देश के आजादी नइखे मिल जात.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Scroll Up pub-4188398704664586