– जयंती पांडेय
हमरा बिहार के मुख्यमंत्री जी जबसे भाजपा के संगत छोड़ले तबसे रोज कवनो ना कवनो बवाल में फंसल जातारें. अबहीं मोदी के ममिला सुलझल ना रहे कि तड़ दे मिड डे मील के कांड हो गइल. बेचारू के ना में दम आ गइल बा. ई सूचना दे के रामचेला बड़ा धीरे से बाबा लस्टमानंद के बतवले कि, जान जा बाबा कि नीतीश भाई अब ओबामा काका के चिट्ठी लिखऽतारें कि भाजपा के साजिश के भंडाफोड़ करे के काम में उनकर मदद करस.
बाबा अचरज में पड़ गइले कि एहमें ओबामा का करीहें?
रामचेला कहले, काहे कि बिहार के अफसरान लोग त जान जा कि भाजपा से मेल मिलाल कइले बा लोग आ जे नइखे मिलल ओकरा मन में तनी भाजपा के ले के माया बा. अब ऊ त ओकरा षडयंत्र करे से रोकी ना. आ नीतीश भइवा जइसे दिल्ली दरबार में गइल ना कि ओहिजा सोनिया भउजी आ उनकर चेला चमचा लोग लागी फइलावे कि अब ऊ दिल्ली के दरी पर आ के बइठ गइले आ चुनाव में ओकरा के कांग्रेस भंजा ली. ई देस में अपना रोआं पर भरोसा ना करे के चाहीं. के कहाँ धोखा दे दी के जानऽता? एहीसे ऊ ओबामा काका के चिट्ठी लिखे जातारें कि चट दे ऊ कुछ सीनियर सीआईए अफसरान के एहिजा भेजस जे छपरा में जा के मिड डे मील ममिला में खोज क के सबूत उनका के ले आ देउ. ओकरा बाद नू भाजपा के मरिचा दरल जाई.
बाबा पूछले कि, रामचेला ई बात के बतावल हऽ?
रामचेला कहले, अरे उहे अली अनवर मियाँ बतवलें.
पहिले त नीतीश भाई ई चिट्ठी मनगुपे लिखे के चाहत रहले लेकिन ना जाने कइसे लीक हो गइल. अब कातना लोग जान गइल बा एहीसे खुल्लम खुल्ला लिखऽतारें. कुछ लोग त कहऽता कि चिट्ठी चलियो गइल बिया लेकिन कुछ लोग कहऽता कि ई अफवाह ह. कुछ लोग कहऽता कि नीतीश भाई दोहमत में बाड़े कि लिखीं कि ना लिखीं. काहे कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव कहले बाड़े कि चिट्ठिया लिखे से पहिले सोच लेस. शरद यादव कहलन कि एहसे गलत सन्देश जाई. लेकिन पार्टी के अउर नेता के कहल ह कि जे ओबामा काका पोजिटिव रुख देखइहें त पार्टी के फायदा होई एहीसे चिट्ठी लिखला में हरजा नइखे. एहसे दुनिया में मैसेज जाई कि ओबामा नीतीश सरकार के काम काज से खुश बाड़ें आ एहसे थोड़ बहुत पूंजी निवेशो हो जाई.
बाबा कहलें, लेकिन हम त सुननीं हँ कि अपना इहां के अधिकतर भाजपाई मजाक उड़ावऽतारें कि ज्यादातर अमरीकी एनआरआई गुजराती लोग बा एहीसे ई आवाज केहू ना सुनी. आ एतने ना बीजेपी त इहो कहऽता कि चाहे जे करस उ लोग वोटवा त मोदीए के दी. अइसन ना होखो कि सीआईए नीतीश सरकार के गिरावे के काम में लाग जाउ. काहे कि सीआईए एहीमें माहिर ह.
जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.