ई खुलासा काहे ‘खुलल अइसन’ बा ?

by | Dec 26, 2012 | 0 comments

– जयंती पांडेय

बाबा लस्टमानंद रामचेला से कहले, अहो भाई. आजु काल्हु एगो बात रोज टी वी पर सुनऽ तानी. ऊ हऽ कि फलनवा के खुलासा हो गइल. ई जे खुलासा शब्द बा ऊ बड़ा डेंजरस होला. हिंदी में एकर माने होला ‘खुलल अइसन’. अब खुलल अइसन आ खुलल में का फरक होला ऊ कवनो ‘ओइसनका फिलिम’ देखि के चाहे हिंदी व्याकरण के किताब पढ़ि के बुझा जाई. अब भाई एकर माने ई मत लगइहऽ कि ‘ओइसनका फिलिम’ देखल आ हिंदी व्याकरण पढ़ल एके होला. हम कई गो खुलासा के गवाह रहल बानी. जे खुलासा करेला ऊ बड़ा ताल ठोके ला कि हई होई आ हऊ होई. हम सोचेनी कि भाई जब ‘खुलल अइसन’, माने खुलासा एतना दमदार बा त पूरा खुलि जाई त कइसन विस्फोट होई? लेकिन हमेशा इहे देखे के मिलेला कि खुलासा ‘खुलले अइसन’ रहेला, पूरा खुलेला ना आ जवन विस्फोट के डर रहेला ऊ फुसफुसा के रह जाला. कवनो विस्फोट ना होला.

असहीं एगो फिलिम आइल रहे. अपना गांव के एगो पंडीजी ऊ फिलिम सात हाली देखले. बात ई रहे कि फिलिमिया में एगो लइकी नहाये जात रहे. आ ऊ आपन कपड़ा खोलत रहे. अब जसहीं कपड़ा सरके वाला होखे तसहीं एगो ट्रेन पास हो जाऊ आ सीन ढंका जाऊ. पंडी जी बेचारू सात हाली एह चक्कर में देखले कबहुओं त टरेनवा लेट होई आ जवन खुलल अइसन रहे ऊ झम्म दे खुल जाई लेकिन अइसन ना भइल. हर खुलासा के लगभग इहे हाल होला. जेतना उमेद होला ओतना ना खुले. आजादी के बाद से अबले कतना खुलासा वीर लोग आइल आ फुसफुसा के रहि गइल. जब हमनी का जवान रहनी सन त जान जा रामचेला कि होस्टल के सामने वाला फुटपाथ पर एगो मकान के अइसने एगो आधहा खुलल खिड़की रहे. हमनी का आ हमनी के उमिर के आउरि लइका लोग सबेरही से ओह खिड़की पर नजर गड़ा देत रहले कि ना जाने कब खुली लेकिन सांझ हो जाउ पर काहे के खुलो. एक दिन ऊ खुलल आ ओने से चेतावनी आइल कि ई कुल्ही छोड़ऽ लोगिन ना त ऊ खिड़की जवना खुललका के उम्मेद करऽ तारऽ ओ कर मामा इलाका के थानेदार हऽ. अब बूझि जा कि जे ऊ दरोगा जी तहरा के खोले के इरादा कइ लेस त जिनगी भर खोले लायक ना रहबऽ जा, फुसफुसिये से काम चलावे के होई.

जब खुलासा होला आ जेकरा पर होला ओकर प्रतिक्रिया पर तऽ पुरहर किताब लिखल जा सकेला. काहे कि जेकरा पर खुलासा होला ओकर तऽ कबो मुंह खुलले रह जाला, त कबो हाथ के तोता उड़ जाला, त कबो ऊ लाल पीला हो जाला, कबो झंवरा जाला. कबो असमान से गिर जाला त कबो चारो खाने चित्त हो जाला. माने कहे के कि अगर खुलासा ना होइत त हिंदी व्याकरण के अतना मोहावरा के का होईत? जब खुलासा होला त लोग ओकरा पूरा खुले के इंतजारी में रहेला लेकिन ऊ कबो फाइल में बंद हो जाला त कबो असहीं फुसफुसा के रह जाला आ लोग दोसरका खुलासा के पेंड़ा जोहे लागेला. लेकिन हम हमेशा सोचेनी कि ई जे खुलासा बा ऊ पूरा तरह काहे ना खुले.


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up