– जयंती पांडेय
आजुकाल रोज सरकार के ओर से एगो आश्वासन दिहल जाला – अगर कहीं गलती भइल होखी त ओकर जांच होई. जांच चलत रहेला, नतीजा कबहुओं सामने ना आवे. जेतना गलत काम होला सबके शुरुआत जांच से होला आ खत्म ई नतीजा से होला कि कवनो गलती नइखे भइल. सरकारी धन के कवनो दुरुपयोग नइखे भइल, भा खाली कुछ मामूली नियम के चाहे कहीं प्रक्रिया के उल्लंघन भइल बा. प्रक्रियो में सरकार के मंशा ठीके रहे. सम्बन्धित मंत्री, अफसर आदि के इरादा खराब ना रहे. काम तेज गति से पूरा करे खातिर आ बजट के प्रोपर उपयोग करे खातिर ई सब चले ला. जांच एजेन्सीज के काम ह जांच कइल आ सरकार के काम ह विकास के काम के तेजी से पूरा कइल. मार्च में त करोड़ो अरबों रुपया के सरकार अलग अलग संस्था के दे के लेप्स होखे से बचा लेले आ धीरे धीरे जांच चलत रहे ला.
सरकार हर जांच के बाद कहेले कि जे दोष कइले बा लोग ऊ लोगन के छोड़ल ना जाई. दोषी के सजा जरूर मिली. सरकारी धन वसूलल जाई. लेकिन कुछ होला ना. कई बेर जांच के बाद रिपोर्ट के बारे में अफसर भा मंत्री कह देला – हम त अबे जोईन कइले बानी ई हमरा आवे से पहिले के मामला ह. जियादा होशियार मंत्री-अफसर कहेले – मामला के बारे में हमरा त मालूमे ना रहे ई त आप बतवनी हं त पता चलल. अबहींए चेक करऽ तानी. दोषी बांची ना. मगर दोषी बच जाला. जे बेसी खुर्राट होला ऊ पहिलका सरकार पर दोष मढ़ देला आ जनता के धन्यवाद दे देला कि ऊ ओइसन नकारा सरकार के उखाड़ के बिग दिहलस. जांच चलत रहेला. सरकारो चलत रहेले. घपला, घोटाला, भ्रष्टाचारो चलत रहेला. सरकार कड़ा कदम उठावे के घोषणा करेले. कठोर निर्णय लेवे के किरिया खाले. ज्यादा कहला पर सरकार विदेशी हाथ होखे के गीत गावे लागे ले. सरकार कहेले कि कुछ देश में अस्थिरता पैदा करे के चाहऽतारे सन, हम एकनी के सफल ना होखे देब. जांच से जांच एजेन्सी व मीडिया के फायदा होला. जांच रिपोर्ट लीक क के मीडिया टी आर पी आ पत्रिका के बिक्री बढ़ा लेला. जांच जारी रहेला अउर भ्रष्टाचारो जारी रहेला. घोटालो जारी रहेला आ घपलो जारी रहेला. ई जान जाईं कि जांच आ घपला में उहे सम्बंध बा जे फूल आ ओकर सुंदरता में बा. काहे कि जे घपला ना होई त जांच कवन बात के आ जब जांचे ना होई त घपला के स्टैंडर गिर जाई.
जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.
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