मवेशी डाक्टर के साँसत

by | Sep 20, 2013 | 0 comments

– जयंती पांडेय

एक हाली मास्टर काली सिंह इस्कुल से लवटत रहले. उनका कवनो बात के बतंगड़ बना के कुछ ना कुछ करत रहे के आदत ह. हठात ब्लॉक के सामने मवेशी डाक्टर साहेब के दवाखाना में ढूकि गइले. रामचेला आ बाबा लस्टमानंद अपना कवनो काम से बीडीओ साहेब से भेंट करे गइल रहले. उ लोग उनका ढुकत देखल. लस्टमानंद कहले, रामचेला ई मस्टरवा मवेशी डाक्टर के इहां काहे ढुकलस? रामचेला कहले, हो सकेला डाक्टर के बाल बच्चा पढ़ावत होखस.

ए बुड़बक, बाल बच्चा के पढ़वते त घरे जइते, ई दवाखाना में का करऽतारे. उत्सुकत भइल आ ऊ लोग दवाखाना के बरंडा में जा चहुँपल. भीतर मास्टर आ डाक्टर में बतकही चलत रहे.

डाक्टर कहले, मास्टर साहेब का बात ह? केने रस्ता भुला गइल?

ना रस्ता नइखीं भुलाइल, तनी मिजाज ठीक ना रहे एही से आ गइनी हँ.

डाक्टर मुस्किअइले आ कहले, तब गलत जगहा आ गइल बाड़ऽ मास्टर साहेब. सामने वाला मकान में जवन डाक्टर बाड़े ऊ आदमी के हउवन, हम त अनबोलता पशु के डाक्टर हईं.

मास्टर बोलले, ना ना हम त आपही के लगे आइल बानी. हमार रोग सुनब त जान जाएब कि हम सही जगहा आइल बानी.

अब ई सुनि के डाक्टर साहेब चउँक गइले आ कहले, बतावऽ का बेमारी बा?

बेमारी सुनब? दिन भर बैल अइसन खटेनी आ रात में कुकुर अइसन सुतेनी. नींद टूटेला त घोड़परास अइसन धउरे लागेनी, काम पर जानी त हमरा से बड़का लोग कवनो बात कहेला त घोड़ा अइसन हिनहिनाए लागेनी आ जब बॉस के देखेनी त फेर कुतवन जइसन लागेनी पोंछ डोलावे. घरे लवटला पर ट्यूशन पढ़ावेनी आ तोता अस एके बतिया रोज रटेनी. ओकरा से जब समय बाँच गइल त लइकन संगे बानर अइसन कूदेनी आ जब मेहरारू खिसियाले त गाय अस काँपे लागेनी आ मूसवा जइसे बिल में ढुकेले सँ ओसहीं घर में ढुक जानी.

सामने वाला डाक्टर साहेब के लगे गइल रहीं त ऊ आपके लगे भेज दिहलें कि इहां मवेशी के इलाज ना होला.

डाक्टर साहेब बेचारा का करस, ऊ त अलगा अलगा जानवरन के इलाज करेलें ई त एके में कईगो बा का करस?

लस्टमानंद डाक्टर के दसा देखि के सामने अइले आ मास्टर साहेब से उनकर पिंड छोड़वले.


जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.

Loading

0 Comments

Submit a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up