– जयंती पांडेय
दिल्ली में बलात्कार के घटना के लेके चारू ओर बड़ा हल्ला बा, लोग बाग में बड़ा गुस्सा बा. सरकार एकरा के लेके बड़ा हरान परसान बा. ई त तय बा कि बलात्कार से जुड़ल नियम के सरकार जरूर कड़ा करी लेकिन जान जा राम चेला कि सरकार के भय बा कि एतने से लोग के गुस्सा ना ठंढाई. बाबा लस्टमानंद आपन सेका बता के लगले रामचेला के समझावे कि अतना ठंडा पड़ऽता लेकिन देखऽतारे मार मेहरारू आ लइकिन के आंदोन के गर्मी. असाम में एगो विधायक जी कुकर्म करत धरा गइन त उनका के मउगिये कुल्हि मार के लासा काढ़ दिहली सन. असहीं मुम्बई में एगो रेस्टोरेंट के सामने लइकी सब प्रदर्शन कइली सन. देश के नारी समाज के ई रोष से कांग्रेस समेत सब पटियन के नेता लोग के कलेजा सूखल बा. ई स्थिति से मोकाबिला करे खातिर कई गो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लोग सलाह दीहल कि महिला समाज के रोष कम करे खातिर महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा से पास करवा दीहल जाउ. बूढ़ कांग्रेसी नेता लोग के कहल हऽ कि एह काम से महिला लोग के गोस्सा कम होई आ आवे वाला चुनाव में कांग्रेस के फायदा होई.
बाबा लस्टमानंद कहले कि सबसे बड़हन बात तऽ ई हऽ कि महिला आरक्षण विधेयक के सबसे बड़हन मोखालिफ मोलायम जी के पार्टी आ जेडीयू जइसन पार्टी के नता लोगो एह मामला में नरम लउकऽता. जानऽतारऽ रामचेला अइसन काहे भईल बा? असल में महिला लोग के मामला में ई दूनों पर्टियन के नेता लोग के रेकार्ड बड़ा खराब रहल बा. अब ऊ लोग के करेजा बेना अस डोलऽता कि कहीं गांवें गांव में मेहरारू जोड़िया गइली सन तब तऽ ई कुल्हि नेता लोग के पोल खुलि जाई, दू चार जाना पिटाइयो ना जास. एही से उहो लोग चाहऽता कि जल्द से जल्द कुछ हो हवा जाउ आ मामला ठंडा पड़ जाउ आ आंदोलन थम जाउ. एही से हो सकेला ऊ लोग लोकसभा में ऊ बिल के समर्थन कर देस आ ना होई तऽ ऊ लोग वोटिंग के टाइम पर सदन से बाहर चल जाउ.
इहे ना, जान जा राम चेला कि महिला लोग के क्रोध शांत करे खातिर कई नेता अउरी सुझाव दिहले बा लोग. जइसे केतना लोग कहऽता कि काहे ना सब पार्टी के अध्यक्ष कुछ दिन खातिर मेहरारूवने के बना दीहल जाउ. ऊ लोग अध्यक्ष के कुर्सी से बईठ के शांति के अपील करी आ सब बात सुने के आश्वासन दी लोग तऽ हो सकेला कि आंदोलन शांत हो जाउ. कई गो नेता लोग के कहल हऽ कि सब पार्टी के नेता स्टेज पर बइठ के उहे सब करे जे मेहरारू करे ली सन एह से क्रोध ठंडा हो जाई. हालां कि कुछ लोग के कहल हऽ कि ई सब आंदोलन के महिला वर्ग से जोड़ के ना देखल जाउ. ई पूरा समाज के लड़ाई बनल जात बा.
जयंती पांडेय दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. हईं आ कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर से प्रकाशित सन्मार्ग अखबार में भोजपुरी व्यंग्य स्तंभ “लस्टम पस्टम” के नियमित लेखिका हईं. एकरा अलावे कई गो दोसरो पत्र-पत्रिकायन में हिंदी भा अंग्रेजी में आलेख प्रकाशित होत रहेला. बिहार के सिवान जिला के खुदरा गांव के बहू जयंती आजुकाल्हु कोलकाता में रहीलें.
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