स्वागत करीं महंगी के

by | Aug 13, 2010 | 0 comments


– जयंती पाण्डेय

महंगी के बढ़े में सरकार के कवनो दोष नइखे. महंगी के काम ह बढ़ल. अगर ऊ ना बढ़ी त केहु ओकरा ना चीन्ही, ना पूछी. सोसाइटी में रहे वाला हर बेकती आपन एगो पहचान राखेला. महंगी भी इहे रास्ता पर चलेले. महंगी लोगन के अभाव में जीये के आ रहे के सलीका बतावेले. ऊ हमनी के आपन सांस्कृतिक परंपरा से जोड़े ले. सेहत खातिर योग कइला से आ जिम गइला से कहीं बेहतर ह महंगी के प्रति पाबंद भइल.

हमनी का इंडियन लोग मक्खीचूसी खातिर सभत्तर मसहूर बानी सन. हमनी के कम में जोगाड़ से काम चलावे आवेला. आपके मालूम होखे के चाहीं कि कइसे हमनी के माई-बाबूजी आपन पेट काट के हमनी के पेट भरल लोग. जहां काम खाली काम चलला भर से चल जाला, उहां एकरा के निभा ले जाए के चाहीं. ई सांच के हमनी का जानऽतानी सन लेकिन महंगी पर हो-हल्ला करऽतानी सन. सरकार आ मंत्रिययन के पुतला फूंकऽतानी सन. ई सरासर गलत बा. जवन बा ओकरा के स्वीकारे के होइ. ओकरा के स्वीकार करे के होई. ओही में गुजारा करीं.

अब बेचारी सरकारो का करे. दाम बढ़ावल ओकर मजबूरी हऽ. ओकर हाथ बान्हल बा. अगर पेट्रोल और डीजल के दाम बढिय़े गइल त एतना जिद काहे के ? आखिर एडजस्टमेंट काहे नइखे कऽ लिहल जात ? हफ्ता में दू दिन अपना गाड़ी में मत जाईं त खर्चा घटि जाई. महीना में दू दिन मत जाईं अपना निजी वाहनन से. थोड़-बहुत पैदलो चलीं. दरअसल आपन आदत त हमनिये के बिगड़ले बानी सन. पैदल चलल अब बेइजती बुझाला. सड़क पर आदमी से कहीं ज्यादा त मोटरगाड़ी लउकेली सन. का बच्चा, का बूढ़ सब केहु आराम के सवारी चाहेला. अब जब आदत आराम के सवारी के डालिये लेले बानी सन त पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ला पर रोये के का ह ?

बात-बेबात हमनी का सरकार के पुतला फूंके कऽ तइयार हो जा तानी सन बाकिर आदत बदले के एकदम तइयार नईखी सन. अरे, का जरूरी बा दूनूं बेरा खाइल. एके बार खा के काम ना चल सकेला ? हफ्ता में एक-दू दिन उपवासो कऽ लीही. एह से पेटो ठीक रही आ महंगियो के मोकाबला हो जाई. एकरा कहल जाला एक पंथ दो काज. जेतना टाइम हमनी का पुतला जरावे में बेकार करे लीं सन ओतना समय महंगी-चिंतन में लगाईं. तरह-तरह के तरीका निकालीं महंगी के दर्द के साधे के. दरअसल, ई महंगी-फहंगी कुछऊ ना होला बस अपना भीतर के वहम होला. महंगी पर रोये के हमनी का आपन आदत बना लेले बानी सन. हम आपना बात बतावत बानी कि आज ले हमरा महंगी में कवनो दर्द ना लउकल. हम हर स्तर पर महंगी के आजमा के देखनी. बस खाये के ना मिली त हावा पी लीं. सरकार के आपन काम करे दी. महंगी के आपन. आउर आप आपन काम करीं.


पुरनका लस्टम पस्टम
(भूल सुधार : आजु ले गलती से ज्योति जी के नाम जयन्ती लिखात चल आइल बा.)

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up