आपन धियवा नीमन रहीत त बिरान पारित गारी ! – बतंगड़ 70


– ओ. पी. सिंह

शुक का दिने जवन भइल तवन होखल ना चाहत रहुवे. सुप्रीम कोर्ट के पचीस गो में से चार गो जज कायदा का खिलाफ जा के बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस क के अपना मुख्य न्यायाधीश प सवाल उठा दिहलें. एह लोग के शिकायत एह बाति के बा कि कुछ केस ओह लोग के ना दे के दोसरा जजन के काहे दीहल जा रहल बा. मानो ओह केसन से कुछ खास फायदा होखे के उमेद रहल होखे आ ऊ फायदा एह लोग के ना हो के दोसरा के काहे होखे दीहल गइल. लोअर कोर्टन में होखत भठियरपन त जगजाहिर बाति बा. सभे जानत बा, कुछ लोग भुगतत बा त कुछ लोग ओकर फायदो उठावत बा. त का मान लीहल जाव कि लोअर कोर्टन के ई बीमारी ऊपरो ले चहुँप गइल बा.
अबहीं ले सभे डेरात रहुवे कि अदालतन के नाजुक मान पता ना कवना बाति से अमान हो जाई. बाकिर घर फूटे जवार लूटे वाला कहाउत का तरह अब पूरा सोशल मीडिया एह बात प चटखारा ले ले के आपन बाति कहे लागल बा. देश में जजन के एह तरह के हरकत के कवनो उदाहरण ना मिल पाई. आ अब जब ई लोग सगरी मामिला जनता का अदालत में ले के आइए गइल त जनता त आपन राय देखइबे बतइबे करी. एह लोग के इतिहासो प नजर गड़ावल जाई. के कब इन्दिरा गाँधी के दरबारी का तरह रहत रहुवे, के कवना हिन्दू मसला प हिन्दू हित का खिलाफ फैसला दीहल, के केकर बेटा ह, के कवना राजनीतिक गोल गिरोह से जुड़ल बा, केकरा दिक्कत बा कि रामजनम भूमि मामिला प लगातार सुनवाई काहें होखे जा रहल बा, के सोचत बा कि केन्द्रीय विद्यालयन में शुरुवे से चलत आ रहल प्रार्थना अब हिन्दू धर्म के बढ़ावा देबे वाला मान लीहल जाव, केकरा दिक्कत बा कि सिक्ख नरसंहार के मामिलन ला स्पेशल टास्क फोर्स काहें बनावल गइल, के सत्ता में भठियरपन के महारानी आ ओकरा परिवार का खिलाफ चलत मुकदमन से परेशान बा, केकरा घरे एह गिरोह भा ओह गिरोह के नेता के आवाजाही होखत बा, केकरा फोन से कब कवना मनई के जमानत मिल गइल, के कश्मीरी पंडितन के नरसंहार के सुनवाई जोग ना मानल, के रोहिंग्यन के देश से निकाले नइखन दीहल चाहत, केकरा दिवाली के पटाखा से प्रदूषण लउकेला बाकिर क्रिसमस आ नया साल के धूमधड़ाका नीमन लागेला, केकरा होली का रंग से दिक्कत बा, बाकिर बकरीद के बलि चटकार लागेला वगैरह वगैरह.
अनेके सवाल उठे लागल बा आ अबहीं अनेके उठे वाला बा. अचके में न्यायमूर्ति लोग जिग्नेश, अल्पेश, हार्दिक, खालिद का पाँत में काहें खड़ा कर दीहल गइलें आ लोग खुलेआम देश के न्यायप्रणाली के ईमानदारी प संदेह जतावे लागल. अगर ई काम खुद न्यायमूर्तियने का हरकत से ना भइल रहीत त अदालतन में अवमानना के मुकदमन के बाढ़ आ गइल रहीत. आपन धियवा नीमन रहीत त बिरान पारित गारी. अगर आपन अचरण ठीक रहीत त दोसरा के का बेंवत रहुवे कि अदालत प सवाल उठाइत. बाकिर अब जब बाति निकलिए गइल बा त एकरा के दूर तलक जाए से के रोक सकेला.
जज लोग के प्रेस खुलासा का बाद कुछ देर ले लोग भकुआइल रहि गइल. बुझात ना रहुवे कि एह प का लिखल बोलल जाव. बाकिर प्रेस प्रेसर का बाद तुरते में बँवारा गोल के नेता डी राजा चहुँप गइलन एक जने का घरे बधाई देबे भा आगे के योजना बनावे. आ ओकरा बाद सबकुछ साफ हो गइल. कुछ लोग त इहो कहत बा कि डी राजा सगरी खेल बिगाड़ दीहलन. ना त विपक्ष त अबहीं अउरी खेल खेले वाला रहुवे.
उमर खालिद से लगवले जिग्नेश, अल्पेश, हार्दिक का कड़ी में अब अदालती रातनीतिओ के सवाल जुड़ गइल बा. साल 2019 के चुनाव पक्ष विपक्ष दुनु ला जिए मरे के सवाल बनि गइल बा. एह चुनाव में सरकारे के चुनाव नइखे होखे वाला. एहमें इहो चुनल जाई कि देश रही कि भाँड़ में जाई, हिन्दू बचीहें कि अपने में लड़ मरि जइहें. राजनीति खतरनाक मोड़ प खड़ा बिया आ हमनी के एगो छोटहनो गलती सब कुछ बरबाद करा दी.
सम्हरि के रहिए रे, तोर सगरी खेत जनावर खा जाई रे.

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कुछ त कहीं......

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