अपना के जनम का गलती से हिन्दू बाकिर संस्कार से इस्लामी बतावे वाला चचवा के चाल लागत बा कामयाब हो गइल. हिन्दू बहुल हिन्दुस्तान के एही चलते नाम रखलसि इण्डिया, भारत त बस बुड़बक बनावे ला लिखाइल-कहाइल. राज चलवलसि गवर्नमेंट आफ इण्डिया. देश के बँटवारा मजहबी आधार पर होखे के समझौता रहला का बादो चचवा एह देश के सेकुलर बनवावे का जिद प अड़ गइल आ अपना चालबाज लोकप्रियता का चलते मनवाइओ लिहलसि कि मुसलमान एहिजे रहीहें आ उनुका अतना अधिकार मिली जतना ला हिन्दू तरस के रहि जइहें. आ एही चालबाजी के नमूना बनल कश्मीर. कश्मीर में अल्पसंख्चक हिन्दूवन के कवनो हक ना दीहल गइल आ देखते देखत पूरा कश्मीर घाटी से हिन्दूवन के मारत-काटत, इज्जत लूटत निकाल फेंकल गइल. ना त एहिजा के जुडिशियरी एकर संज्ञान लिहलसि ना हिन्दू विरोधी मीडिया. अधिकतर मीडिया हाउस के मलिकान गैर हिन्दूवन का हाथे रहला का चलते अइसन होखला प कवनो अचरजो ना होखे के चाहीं. देश के हिन्दू एकजुट ना हो पावसु एह खातिर तरह-तरह के जहर घोर दीहल गइल समाज में. अगड़ा-पिछड़ा, दलित, आरक्षण, भाषा वगैरह विवादन के हवा दे के हिन्दुवन के टुकड़ा-टुकड़ा में बाँट दीहल गइल. देश के संसाधनन प मुसलमानन के पहिला हक बतावे वाली कांग्रेसी सरकारन का जमाना में न्यायपालिका के प्रतिबद्ध बनावे का कोशिश में अइसन बहाली भइल जवन बाद में अपना के संप्रभु जमात में बदल लिहलसि. अब ई पहिले से जज बनल लोगे प बा कि जजी में केकर बहाली होखी केकर ना. अगर बहालियन के इतिहास खंगारल जाव त मालूम हो जाई कि पुरान जजन का नात-रिश्तेदारन के एह बहालियन में कतना वेटेज मिलत चलि गइल. कांग्रेस सरकारन में बँवारा गिरोह सगरी टिकान ध लिहलसि. देश के नयकी पीढ़ी के गलत इतिहास पढ़ा पढ़ा के ओकरा के हिन्दु विमुख करे के कवनो मौका ना छोड़ल गइल. हमलावर अकबर त महान हो गइल बाकिर ओकरा से लोहा लेबे वाला राणाप्रताप के एगो छोटमोट राजा बना के छोड़ दिआइल. छत्रपति शिवाजी महाराज के चालबाच लुटेरा बना दीहल गइल. आजादी के लड़ाई लड़े वाला भगत सिंह के आतंकवादी माने वाला गाँधी आ नेहरु का शह प फाँसी चढवा दीहल गइल. एह देश में हिन्दुवन के कवनो आजादी नइखे, उनुका आपन तीज-त्योहार दोसरा के मुँह देख के मनावे के पड़त बा. कब आ कहाँ पूजा करीहें से सरकार तय करी, दिवाली प पटाखा फोड़े प रोक लगावल जाई त फगुआ में रंग खेले से. देर सबेर दाहसंस्कारो प रोक लागे वाला बा. नदी किनारे छठ पूजा ना कर सकसु. देश में करोड़ो मुकदमा लटकल बा बाकिर दही हाँडी के ऊँचाई तय करे के, दिवाली प पटाखा प रोक लगावे के, रोंहिग्या मुसलमानन के देश से निकाले प रोक लगावे में फटाक से फैसला आ जाला. देश के नागरिक कश्मीरी पंडितन के मामला सुने से इंकार करे वाली अदातत देश में गैरकानूनी तरीका से घुसल रोहिंगियन के मामला सुने ला तुरते तइयार हो जाले. गँवे-गँवे अदालतो के इज्जत ओही राहे बढ़ल जात बा जवना राहे चलि के मीडिया आपन सगरी मान-सम्मान गँवा दिहलसि. अदालतो अपना फैसलन से देश का नजर में अपना का गिरवले जात बिया काहे कि लोग के लागत बा कि एह फैसलन का पाछे एगो खास मकसद बा. अपना नाबालिग मेहरारू से सहवास कइल रेप मानल जाई बाकिर ओह शादी के गैर कानूनी ना बनावल जाई जवना चलते अइसन हालात बनेला. मकसद आगे चलि के बालिगो मेहरारू से संबंध बनवला के रेप माने के बा. एह तरह भारत के पारिवारिक व्यवस्था खतम क के बेर-बेर तलाक आ बिआह के पश्चिमी हालात बना दीहल जाई. सूतल रहे देश के जनता, ना बचीहें हिन्दू ना रही हिन्दुस्तान. बस इण्डिया रहि जाई. चचवा अमर रहे !
(अतवार 15 अक्टूबर 2017 का दिने कोलकाता से छपे वाला अखबार समाज्ञा में अँजोर भइल.)
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