नीक-जबून-12 : भोजपुरी खातिर अनुराग

by | Apr 30, 2018 | 0 comments

डायरी

 

– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल

 
आज का पीढ़ी में भोजपुरी खातिर अनुराग देखिके बहुत नीक लागता। बाकिर, सोशल साइट पर गइला पर तब मन बहुत दुखी होला, जब लागेला कि भोजपुरी के लेके कुछ अइसन गिरोह बन गइल बाड़े सन, जेकरा भाषा में शिष्टता दूर-दूर तक ना लउके आउर विद्वत्ता, लेखन, अनुभव, उम्र आदि के त ऊहन लोग का निगाह में कवनो महत्वे नइखे, जब जवन मन में आइल, बोलि दिहल लोग। गारियो देबे में इहाँ सभ के केहू सानी नइखे। एही से भोजपुरी पर कवनो प्रकार के प्रतिक्रिया देबे से अब बाँचल चाहेला मन। जहाँ साहित्यकार आ कलाकार लोगन के जमात होला ओहिजे खुलके बात हो पावेला। ई हमार नीमन स्थिति त ना कहाई  बाकिर मजबूरी बा,  काहेंकि कवनो विकल्प नइखे लउकत।

 

कवनो लेखक खातिर भाषा के ज्ञान बहुत जरूरी बा नाहीं त बोली आ भाषा में अंतर कइसे रही। वर्ग विशेष के प्रशंसा भा निंदा से व्यक्ति के औकात ना बदल जाले। अध्ययन आ अभ्यास जरूरी बा, बाकिर पता ना काहें, आजकल लोग एकरे से भागि रहल बा आ शॉर्टकट राह अपनावे लागल बा। ई चिंता के विषय बा।

स्वतंत्रता संग्रामके युगपुरुष स्वामी मनोज्ञानंद त्यागी

 

स्वतंत्रता संग्राम के अइसन कई गो नायक बाड़न, जेकरा के इतिहास में खोजल कठिन बा। ओही में से एगो बानी ‘स्वामी मनोज्ञानंद त्यागी’। इहाँका बिहार का बक्सर जिला के अहिरौली गाँव के रहनिहार रहीं। बीए ऑनर्स के परीक्षा दिहला का बाद एक दिन हम अपना एगो गुरुदेव स्वर्गीय रामनाथ दुबेजी का सङे उहाँसे मिले गइल रहीं।  ओहिजा उहाँके दर्शन त कइबे कइलीं, काफी देर तक खूब बतियवलीं। कईगो जिग्यासा पूरा भइली सन, हम त जइसे धन्य-धन्य हो गइलीं। एकरा बादो एकाध बेर उहाँके दर्शन के संजोग मिलल।

 

उहाँके गुजरला का कुछ दिन बाद ‘धर्मयुग’ के संपादक का निर्देश पर उहाँका ऊपर एगो लेख तेयार करे खातिर बलिहार के अपना एगो मित्र मनोज कुमार सिंह का सङे हम बिहार आउर उत्तर प्रदेश के कई गो स्वतंत्रता सेनानी लोगन से मिललीं आ ओकरा आधार पर एगो लेख तेयार कइलीं। दुर्भाग्य से ऊ धर्मयुग में प्रकाशित ना हो पावल काहेंकि ओकरा पहुँचत-पहुँचत धर्मयुग के प्रकाशने बन्न हो गइल। बाद में ई लेख संगम, सहृदय आदि पत्रिकन में प्रकाशित भइल।  ऊ लेख त केंद्रित रहे उहाँका स्वतंत्रता सेनानी रूप पर बाकिर तब तक हमरा उहाँका सिद्ध योगी रूप के बारे में भी बहुत कुछ जानकारी मिल चुकल रहे। स्वामी जी का बारे में सभका मुँह से हमरा ई सूने के मिलल कि उहाँका खड़ाऊँ पहिनि के ऊपरे-ऊपर गंगाजी के पार क जात रहीं। जब हम ई बात उहाँ का सोझा उठवलीं त उहाँका साफ-साफ कहलीं कि ई चमत्कार त तुहूँ कर सकेल। प्राणायाम साधना से ई संभव बाटे बाकिर तहरा जइसन लोग एहमें आपन मूल्यवान समय काहें गँवाई ? बहुत कम समय के साहचर्य में उहाँका जीवन के कईगो कहानी सुनेके मिलली सन, कईगो त अइसन सत्यकथा से हम परिचित भइलीं, जवना के स्थायी असर हमरा सुभाव पर परल आ जइसे हमरा सोचेके दिशे बदलि गइल।

 

बटोहिया गीत आ जन गण मन

स्वतंत्रता दिवस का अवते अब बटोहियो गीत चर्चा में आ जाता। ई शुभ कहाई। 1911 में, माने ‘जन गण मन’ से तीन साल पहिले रघुवीर नारायण जी भोजपुरी में एकर रचना कइले रहीं। आजादी का लड़ाई में राष्ट्रगीत नियन ई खूब गवाइल आ अब त ई भोजपुरी के शान हो गइल बा। बिना एकरा आ भिखारी ठाकुर का बिदेशिया के, भोजपुरी के गौरव गाथा पूरा नइखे हो सकत।

सुंदर सुभूमि भैया भारत के देसवा से

मोरे प्राण बसे हिम-खोह रे बटोहिया

एक द्वार घेरे रामा हिम-कोतवलवा से

तीन द्वार सिंधु घहरावे रे बटोहिया

 

जाहु-जाहु भैया रे बटोही हिंद देखी आउ

जहवाँ कुहुँकि कोइली बोले रे बटोहिया

पवन सुगंध मंद अगर चंदनवां से

कामिनी बिरह-राग गावे रे बटोहिया

 

 

 

तेजी से बढ़ेवाली भाषा भोजपुरी

 

भोजपुरिया भाई लोगन खातिर ई ख़ुशी के बात बा कि आजु भोजपुरी दुनिया का सभ भषन में सबसे तेजी से बढ़ेवाली भाषा बन गइल बिया। विकासमान भाषा भोजपुरी सर्वेक्षण से पता चलल कि जहाँ कई गो भाषा मरे के कगार पर पहुँच गइल बाड़ी सन, ओहिजा भोजपुरी लगातार आगे निकलल चलल जात बिया, ऊहो एकदम तेज। एकरा के लिखे आउर बोलेवालन के संख्या बढ़ते जा रहल बाइ। ई हम नइखीं कहत, ई बात भारतीय भाषा लोक सर्वेक्षण समिति के सर्वेक्षण से निकलि के चारू ओरि पसरि रहल बिया। लगातार कई गो अखबारन में मुख्य समाचार का रूप में जब देखेके मिलल त कवनो संदेह ना रहि गइल आ हमार छाती चाकर हो गइल।

 

 

तीन तलाक

तीन तलाक पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय आवते टीवी पर रोज-रोज के कुश्ती प्रतियोगिता के अंत हो गइल। रोज मनुष्यता का प्रताड़ना आ उलाहना से मन बहुत घवदाह होत रहे। देश के कुछ बाँचलो औरतन के बरोबरी के राह खुल गइल। लागता कि उनुका लोर के दिन अब गइल।

 

महान भारत

बलात्कारी बाबा राम-रहीम के सजाइ भइला से देश के तकलीफ ना भइल, देश त एकदम गदगद। चारू ओर से ओह बीर लइकी के बधाई के ताँता लागि गइल, जवन पहिले चिट्ठी लिखले रहे आ केस लड़लस। बाबा भा उनुका अनुयायी लोगन का पक्ष में एकहूँ सबद केहूँ का मुँह से ना निकलल। माने साफ हो गइल कि हमरा महान भारत के केहूँ से नैतिकता के प्रमाण-पत्र के जरूरत नइखे। जय भारत।

 

Loading

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संस्तुति

हेल्थ इन्श्योरेंस करे वाला संस्था बहुते बाड़ी सँ बाकिर स्टार हेल्थ एह मामिला में लाजवाब बा, ई हम अपना निजी अनुभव से बतावतानी. अधिका जानकारी ला स्टार हेल्थ से संपर्क करीं.
शेयर ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले जरुरी साधन चार्ट खातिर ट्रेडिंगव्यू
शेयर में डे ट्रेडिंग करे वालन खातिर सबले बढ़िया ब्रोकर आदित्य बिरला मनी
हर शेेयर ट्रेेडर वणिक हैै - WANIK.IN

अँजोरिया के भामाशाह

अगर चाहत बानी कि अँजोरिया जीयत रहे आ मजबूती से खड़ा रह सके त कम से कम 11 रुपिया के सहयोग कर के एकरा के वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराईं.
यूपीआई पहचान हवे -
anjoria@uboi


सहयोग भेजला का बाद आपन एगो फोटो आ परिचय
anjoria@outlook.com
पर भेज दीं. सभकर नाम शामिल रही सूची में बाकिर सबले बड़का पाँच गो भामाशाहन के एहिजा पहिला पन्ना पर जगहा दीहल जाई.


अबहीं ले 10 गो भामाशाहन से कुल मिला के पाँच हजार छह सौ छियासी रुपिया के सहयोग मिलल बा.


(1)


18 जून 2023
गुमनाम भाई जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(3)


24 जून 2023
दयाशंकर तिवारी जी,
सहयोग राशि - एगारह सौ एक रुपिया


(4)

18 जुलाई 2023
फ्रेंड्स कम्प्यूटर, बलिया
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(7)
19 नवम्बर 2023
पाती प्रकाशन का ओर से, आकांक्षा द्विवेदी, मुम्बई
सहयोग राशि - एगारह सौ रुपिया


(5)

5 अगस्त 2023
रामरक्षा मिश्र विमत जी
सहयोग राशि - पाँच सौ एक रुपिया


पूरा सूची


एगो निहोरा बा कि जब सहयोग करीं त ओकर सूचना जरुर दे दीं. एही चलते तीन दिन बाद एकरा के जोड़नी ह जब खाता देखला पर पता चलल ह.


अँजोरिया के फेसबुक पन्ना

Categories

चुटपुटिहा

सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


अउरी पढ़ीं
Scroll Up