हो सकेला कि रउरो बदलाव नजर आइल होखे बाकिर साफ ना भइल कि अँजोरिया बदलि गइल का ?
त आईं आज साफ करिए दीहल जाव. हँ, अँजोरिया बदलि गइल.
एक जमाना उहो रहल जब आम बोलचाल में कहल जाव कि बीस बरीस का उमिर में जे कम्यूनिष्ट ना भइल ओकरा लगे दिल नइखे आ चालीस का उमिरो में जे कम्यूनिष्ट बनल रहि गइल ओकरा लगे दिमाग नइखे.
अँजोरिया अब बीसा पार क गइल. बीस बरीस पहिले साल 2003 में एकर शुरुआत भइल रहुवे. तबसे गिरत-पड़त-घुटकुनिए चलत एहिजा ले चहुँप गइल. एह दौरान आपन लगा के सभकर गवनी. केहू दोष ना लगा सके कि एहिजा ओकरा से कवनो तरह के दुराव बरतल गइल. जेकरे लिखल आइल ओकरे अँजोर कइनी. ई संबंध एकतरफा रहुवे इहो नइखी कहत. बाकिर गँवे-गँवे सभे बिलगत गइल. आ अब जब अपना गिरत-बूढ़ात समय का चलते सभकर सहजोग मँगनी त लोग अनठिआवे-महटिआवे लागल. बड़का लिखनिहार लोग व्हॉट्सअप के जबाब देबे के औपचारिकतो छोड़े लागल. अँजोरिया के बिसवाँ जनमदिन ला लोग से शुभकामना संदेश देबे के निहोरा कइनी. एकरा बारे में दू-चार लाइन लिखे के कहनी त दू-चार लोग छोड़ केहू एकर जहमत ना उठावल. अँजोरिया ला भामाशाह बने के कहनी त पाँच आदमी मिलल.
एह बाति से रउरो सहमत होखब कि कवनो एकतरफा संबंध ढेर दिन ना चलि पावे. जब रउरा हमरा से मतलब नइखीं राखल चाहत त हम काहें रउरा आगा फेंकरी ? रउरा अपना दुआरे रहीं हम अपना. आ जब सगरी बोझा हमरे ढोवे के बा त राउर ढपली काहें बजाईं ?
कुछ फिल्मी प्रचारक लोग सामने वाला से माल चाभि के ओकर प्रचार सामग्री भेजत रहल आ हम बिना छदाम – छेदही पइसा – लिहले ओकरा के अँजोर करत गइनी. अब जब प्रचार करे ला आपन बखरा मंगनी त उहो लोग गूलर के फूल हो गइल.
त अब अँजोरिया पर उहे प्रकाशित होखी जवन हम चाहब. ना त रउरा से आपन रचना भेजे के कहब ना बिना कहलहूं आ जाई तबो ओकरा के प्रकाशित करब. अब राउर मन करे त अँजोरिया पर आईं, ना मन करे त दोसर दुआर देखीं.
हँ, अँजोरिया बदलि गइल.