गोधरा काण्ड के दोषियन मे से एगारह गो ओहिजा के अदालत फाँसी के सजा सुना दिहलसि बाकिर ओह पर तोपाइल लुकाइल तरीका से बयानबाजी शुरु हो गइल बा. खुद कानून मंत्री कहले बाड़न कि एह फैसला से गुजरात दंगा सही नइखे मानल जा सकत. पता ना के कहत बा कि गुजरात दंगा सही रहे. दंगा कवनो होखे हमेशा खराब होला आ ओकर निंदा करे के चाहीं. बाकिर तब सिख नरसंहार वाला मामिला में बोलती बंद काहे हो जाला ओह लोगन के ? तब कइसे कह दिहले रहलन राजीव गाँधी के कवनो बड़हन पेड गिरेला त धरती हिलबे करेले. गुजरात दंगा पर चिचियावे वाला लोग गोधरा काण्ड के दुर्घटना भा कारसेवकन के साजिश बतावे में तनिको ना हिचकिचाव. लालू प्रसाद त आयोगो बना दिहले रहले जवन कह दिहलसि कि ई बाहरी लोग के साजिश ना रहे बोगी का भीतर वालन का गलती से भइल दुर्घटना रहे. खैर अबहियो दोषियन के सजा मिले के राह बहुते लमहर बाकी बा. अबही त सुप्रीम कोर्ट बाकी बा आ ओकरा बाद एक्स्ट्रीम कोर्ट. जवन आजु तक ले फाँसी के सजा पा चुकल अफजाल के फाँसी पर ना लटका सकल. हद त ई बा कि गृहमंत्रालय के कहना बा कि मामिला अबहीं राष्ट्रपति का लगे भेजले नइखे गइल. देश के जवन राजनीतिक माहौल बा तवना में शायदे अफजाल के भा गोधरा के दोषियन के फाँसी पर लटकावल जा सकी. आ एकरा के जायज ठहरावे खातिर पता ना कतना दोसरा मामिला में फाँसी के सजा पा चुकल अपराधियन के सजा माफ कर दिहल जाई.

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कुछ त कहीं......

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