राजनीति के खेल बहुते गजब के होला. कुछ बिल्डरन के फायदा चहुँपावे खातिर कुछ सौ किसानन के नुकसान चहुँपावे वाली राजनीति देखते देखत पाला बदल लेले आ किसानन के हिमायती बन जाले. नोएडा में भइल भू अधिग्रहण के चालबाजी का बाद राहुल के राजनीति से किसान अचानके बेहिसाब फायदा में आ गइल बाड़े आ एब ओहलोग के लालच के सीमा बढ़ गइल बा. किसानन के एह बढ़ल लालच के कवनो तरह पूरा ना कइल जा सकी आ जेतने दिहल जाई लालच आ माँग ओतने बढ़ी.

काल्हु केन्द्र सरकार भूमि अधिग्रहण के नयका विधेयक के ड्राफ्ट सार्वजनिक कर दिहलसि. एह ड्राफ्ट में बतावल गइल बा कि अब बहुते जरुरी भइला पर अधिग्रहण कइल जाई आ ओह समय ओह इलाका में भइल कवनो सबले बड़ सौदा के मानक मानत ओकरा से छह गुना दाम किसानन के जमीन खातिर दिहल जाई. शहरी इलाकन में ई सीमा दुगुने ले रही. एकरा अलावहू तरह तरह के प्रलोभन किसानन के दिहल गइल बा जवना का बाद कवनो तरह के विकास खातिर जमीन मिलल मुश्किल हो जाई. एह ड्राफ्ट में इहो साफ कर दिहल गइल बा कि निजी बिल्डरन के खुदे किसानन से सीधे सौदा करे के पड़ी आ सौ एकड़ से बेसी जमीन के सौदा करे वाला बिल्डर के अपना खरचा पर पुनर्वास कार्यक्रमो चलावे के पड़ी.

एह बिल का बाद अब घर खरीदल सपना हो जाई काहे कि तब जमीन के दाम अतना बढ़ जाई कि शायद लोग ओकर बोझ ना उठा पइहन.

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कुछ त कहीं......

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