बिहार के विधायकन के हर साल एक एक करोड़ दिहल जाला जवना से ऊ लोग अपना इलाका में अपना मर्जी के विकास करवा सकेला. एह निधि के बड़हन पैमाना पर दुरुपयोग होखे के शिकायत जनता के लगे रहेला. काहे कि अक्सरहाँ देखल जाला कि अन्हरा बाँटे रेवड़ी घूम फिर अपने के देव. आजु शुक का दिने बिहार मंत्रिमण्डल का बइठका में विधायक निधि पर बहुते सोच विचार का बाद एकरा के खतम कर देबे पर सहमति बन गइल. बाकिर आखिरी फैसला मंगल का दिने होखे वाला बइठका में लिहल जाई.

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कुछ त कहीं......

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