केन्द्र सरकार के बजट पर बंगाल चुनाव के छाप साफे नजर आइल जब बंगाल आ केरल खातिर विशेष प्रस्ताव दिहल गड़ल. कविगुरु रविन्द्र नाथ टैगोर का नाम पर एक करोड़ रुपिया के पुरस्कार के एलान कइल गइल बा.
बजट के कुछ खास बिन्दू ई रहली सँ
तीन के तिकड़म
वित्त मंत्री के प्रस्ताव में कई जगहा तीन के प्रभाव देखल गइल. दूध खातिर तीन सौ करोड़, दाल खातिर तीन सौ करोड़, अनाज खातिर तीन सौ करोड़, चारा खातिर तीन सौ करोड़, बुनकन खातिर तीन हजार करोड़ वगैरह वगैरह.
आयकर करीब जस के तस
लोग के अनुमान रहल कि बजट में आय कर में कुछ राहत दिहल जाई बाकिर ऊ सही ना निकलल. लोग सोचत रहे कि दू लाख रुपिया तक के आय पर कर ना लागी से ना भइल. हँ हर करदाता के दू हजार साठ रुपिया के राहत जरुर दिहल गइल बा. अब एक लाख अस्सी हजार रुपिया तक के आय पर कर ना लागी.
अस्सी साल से उपर के उमिर वालन के पाँच लाख तक आ साठ साल के उमिर के लोग खातिर बुढ़ऊ वित्त मंत्री अढ़ाई लाख तक के आय करमुक्त बना दिहले. बाकिर औरतन के मिले वाला अतिरिक्त छूट अब ना मिली.
ब्रांडेड सोना, ब्रांडेड कपड़ा, हवाई यात्रा, अस्पताल में इलाज अब महँग हो जाई.
हाउसिंग लोन पर पन्द्रह लाख तक के करजा अब कम सूद पर मिलल करी बशर्ते घर भा मकान पचीस लाख से कम के हो.
बजट प्रस्ताव का बाद शेयर बाजार में तेजी देखे के मिलल बा. शायद बाजर के अनेसा बेसी रहे जवन ना भइल से शेयर बाजार बढ़ गइल. बाजार एहसे नइखे बढ़ल कि कवनो बढ़िया खबर बा, बाजार एहसे बढ़ल बा कि कवनो खराब खबर नइखे.
म्यूचुअल फंड में विदेशी आपन निवेश कर सकी. एह बहाने भारत के करिया धन बाजार में लगावल जा सकी. काहे कि कवनो निवेशक से ई ना पूछल जाई कि ऊ के ह, कहाँ के ह, आ ई धन कइसन कमाई के हऽ. जय हो !
रसोई गैस महँग हो जाई.
किरासन तेल महँग हो जाई.
पहुँच वाला के इ सामान के दाम में सबसिडी दे दिहल जाई. सरकारी भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी के नया रास्ता खोल दिहल गइल.
जीवन बीमा पर सर्विस टैक्स देबे के पड़ी.
नौकरी करे वालन के अलग से आयकर रिटर्न ना भरे के पड़ी अगर ओकरा लगे आपन तनखाह छोड़ दोसर कवनो आमदनी नइखे.
स्टार न्यूज – १७१ रुपिया दे के लूट लिहलसि सरकार
आज तक – सभका के लुभावे वाला बजट, प्रणव दा बँटले चिल्लर
एन डी टीवी – बजट उद्योग जगत खातिर बा. उद्योग जगत मुसुकात बा.
यशवंत सिन्हा पूर्व वित्त मंत्री (भाजपा) – एक हाथ से दे के दूसरका हाथ से ले लिहले बाड़न. दू हजार करोड़ के रियायत दे के एगारह हजार करोड़ बिटोर लिहलन.
शरद यादव (जदयू) – बेकारी बेरोजगारी का बारे में एह बजट में कुछ नइखे कहल गइल.