काल्हु मंगल का दिने बिहार में पाँचवा आ आखिरी दौर के चुनाव खातिर तीन गो सभा क के पीएम मोदी माहौल बना गइलन. पूछलन कि चुनाव का बाद विपक्ष के नेता केकरा के बनइहें लालू. पीएम मोदी के कहना रहुवे कि मुख्यमंत्री पद खातिर त नीतीश के नाम तय क दिहले बाड़े बाकिर जवन तय होखल चाहत रहुवे से रहे विपक्ष के नेता के नाम. कहलन कि ई जाने के हक जनता के बा.

आतंकवाद के दरभंगा मॉड्यूल के चरचा करत कहलन कि जाँच करेवाली एगो दलित महिला पुलिस अधिकारी के बिहारे छोड़ देबे ला मजबूर क दीहल गइल काहे कि जाँच के तार महास्वार्थबंधन के नेता लोग ले चहुँपे लागल रहुवे.

कहलन कि अबकी के चुनाव दिल्ली के पॉलिटिकल पंडितो लोग के हिसाब लगा दी. ई लोग दिल्ली में बइटल हिसाब किताब करत रहेला कि हई वोट हेने जाई त हऊ वोट होने, हई जाति अइसन करी त हऊ जाति वइसन. बाकिर अबकी बिहार के चुनाव एह लोग के अटकर पचीसा के खेल के खुलासा करा दी.

कहलन कि एह चुनाव का बाद सभका विकास का मुद्दा पर लड़े ला मजबूर हो जाए के पड़ी काहे कि जनता के विकास चाहीं. ओकरा जातिवार आ संप्रदायवाद से मतलब नइखे.

कहलन कि हम विकास के मुद्दा ले के चलल रहीं तब लालू-नीतीश आरक्षण का मुद्दा छेड़ दिहलन बाकिर जब ओकर हवा निकल गइल त अब लोग मुँह चोरावे लागल बा काहे कि ई लोग पिछड़ा, दलित, आ जनजातियन के हक मार के एगो खास समुदाय के आरक्षण के फायदा चहुँपावल चाहत रहुवे. अब ई लोग आरक्षण के मुद्दा बिसार दिहले बा.

कहलन कि इशारा साफे लउकत बा. पहिलका से दुसरका में, दुसरका से तिसरका में, तिसरका से चउथका में बेसी वोट पड़ल आ अब आखिरी चरण में पिछलको रिकार्ड टूट जाए के चाहीं.

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कुछ त कहीं......

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