BJP ruled states have asked for more time to read and discuss the constitutional amendment bill for introducing GST. They have demanded more time as hardly two days were given to them to decide.
भाजपा शासित राज्य सरकार चाहत बाड़ी स कि ओह लोग के सामान्य सेवा कर जीएसटी लगावे वाला प्रावधान खातिर प्रस्तावित संशोधन विधेयक पर विचार करे के अउरी समय दिहल जाव. पूछले बा लोग कि अइसन कवन आफत आ गइल बा कि दू दिन का भीतर ओह लोग से एहपर निर्णय लेबे के कहल जात बा.
अब सरकार के मनसा पूरा होखल संभव नइखे लागत कि एह खातिर प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयक एही सत्र में संसद में पेश कर दिहल जाव आ अगिला वित्त वर्ष से जीएसटी लागू कर दिहल जाव.
भाजपा शायद इहो देखल चाहत होखे कि परमाणु जिम्मेदारी विधेयक पर ओकरा समर्थन के परिणाम का निकलत बा आ ओकरा पर जनता के प्रतिक्रिया कइसन होत बा. परमाणु जिम्मेदारी विधेयक में भाजपा के दखल का बाद मुआविजा के अधिकतम राशि पाँच सौ करोड़ से बढ़ा के डेढ़ हजार करोड़ कर दिहल गइल बा आ अब उमेद बा कि ऊ विधेयक पारित हो जाई. संसद के रुपरेखा अइसन बा कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा का सहमति से सरकार कवनो विधेयक पारित करा सकेले.