नयी दिल्ली 27 अप्रैल. देश के विरोधी गोलन के ना चहला का बावजूद वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा आजु देश के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर किरिया ले लिहली.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा उनुका के पद आ गोपनीयता के किरिया धरवलें. एकरा साथही माथ अदालत में न्यायाधीशन के कुल संख्या 25 हो गइल. सुप्रीम कोर्ट का इतिहास में न्यायमूर्ति मल्होत्रा सतवाँ महिला न्यायाधीश हो गइली. एह घरी एह माथ अदालत में अब दू गो महिला न्यायधीश हो गइल बाड़ी. अधिवक्ता से सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने वाली पहिला महिला हई न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा.
काल्हुए कुछ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में गोहार लगवले रहलें कि इनका के तबले न्यायाधीश पद के किरिया मत धरावल जाय जबले न्यायाधीश जोसेफ के नियुक्ति करे के कॉलेजियम के सलाह केन्द्र सरकार नइखे मान लेत. एह लोग के कहना रहल कि केन्द्र सरकार न्यायाधीशन के नियुक्ति में दखलअन्दाजी करत बिया. एह पर सुप्रीम कोर्ट कहलसि कि ई केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में बा कि ऊ कवनो नाम पर फेरु से सोचविचार करे ला वापिस भेज देव. एह बाति में आपत्ति करे जोग कुछ नइखे.
अदालत वकीलन के एह हिमाकत पर हैरान रहुवे कि कइसे ई लोग जज के नियुक्ति में टँगड़ी फँसावे के कोशिश करत बा. बाकिर कुछ अधिवक्ता अतना बेहयाई पर उतर गइल बाड़ें काहें कि अब ओह लोग के इशारा पर माथ अदालत में काम नइखे हो पावत. पहिले ई लोग अपना मरजी का बेंच में आपन गोहार लगा के अपना मरजी के फैसला करवा लेत रहुवे. याद करीं कि कवना तरह तिस्ता सीतलवाड़ के जमानत के फैसला महज एगो फोन पर हो गइल रहुवे.

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कुछ त कहीं......

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