
(टटका खबर, अतवार, आषाढ़ अन्हरिया दशमी, 2078 विक्रमी)
उत्तराखंड में भाजपा सरकार के नयका मुख्यमंत्री बनिहें खटिमा विधायक पुष्कर सिंह धामी. एह राज्य के मुख्यमंत्री बने वालन में ऊ सबले कम उमिर के होखिहें. एगो सैनिक पुत्र आ संघ के पसन्द वाला नेता पुष्कर सिंह धामी में राष्ट्रीयता, सेवा भाव, आ देशभक्ति के भाव का साथही अपना सहज मुस्कान से सामने वाला के प्रभावित करे के ताकत बा. देखल जाव कि बार बार सरकारी गोल बदले वाला उत्तराखंड के ऊ केरल बनावे में सफल हो पावत बाड़न कि ना. केरलो में हर चुनाव में सरकार बदले के परंपरा अबकी का चुनाव में टूट गइल बा. विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहल धामी लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कइलें. ओकरा बाद पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में भारतीय जनता युवा मोर्चा के दू बेर प्रदेश अध्यक्ष बनलें आ बरीस 2002 से 2008 तक के छह बरीस में पूरा प्रदेश में जगहे-जगह घूम घूम के नवहियन के संगठित कइलें. खटीमा से ऊ दू बेर विधायकी के चुनाव जीतस बाड़ें.
ओने सुने में आवत बा कि एह नया चुनौती के मुकाबला करे खातीर कांग्रेसो आपन नया चुनावी टीम उतारी आ हरीश रावत के आपन चुनावी चेहरा बनावे के एलान कर सकेले.
संवैधानिक संकट के बहाने उत्तराखंड में अपना मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा करवा के भाजपा पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वइसने संकट में घेरे के कोशिश में बिया. हो सकेला कि बंगालो में अइसन हालात बनि जाव कि समय रहते उपजुनाव करावल संभव ना हो पावे. आ तब ममता बनर्जी का साथही उनुका कुछ मंत्रियो पर आफत मँजरा सकेले. इहे सब कुछ सोचत ममता चाहत बाड़ी कि बंगाल में फेरु से विधान परिषद बनवा लीहल जाव. बाकिर एहू में लोचा ई बा कि ओकरा खातीर केन्द्र सरकार के मंजूरी चाही आ केन्द्र से ममता के संबंध कइसन बा से सभे जानत बा. वइसे ममता बनर्जी उपचुनाव लड़े खातीर आपन पुरनकी सीट भवानीपुर खाली करा लिहले बाड़ी.
तृणमूल के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय के कहना बा कि उत्तराखंड आ बंगाल में तुलना कइला के जरुरत नइखे. उत्तराखंड में अगिला साल चुनाव होखे वाला बा जबकि बंगाल में हालही में चुनाव करावल गइल रहुवे आ कवनो कारण नइखे कि उपचुनाव टारल जाव.
कलम का सहारे करिखाह कमाई करे का आरोप में ईडी दिल्ली के एगो पत्रकार राजीव शर्मा के गिरफ्तार कइले बिया. राजीव पर आरोप बा कि ऊ पइसा ले के चीनी खुफिया अधिकारियन के देश के गोपनीय आ संवेदनशील जानकारी देत रहुवे. जान जाईं कि राजीव शर्मा के पिछलो साल सितंबर में दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कइले रहुवे बाकिर तय समय सीमा में आरोप-पत्र दाखिल ना होखे का आधार पर अदालत ओकरा के जमानत दे दिहलसि. तब राजीव शर्मा के कहना रहल कि पुलिस ओकरा के झूठ मुकदमा में फँसावल बिया जबकि ऊ बेकसूर बावे.
भारत के पहिलका शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के पोता फिरोज बख्त सुप्रीम कोर्ट में गोहार लगवले बाड़न कि अदालत देश में होखत जनसंख्या विस्फोट के काबू करे ला प्रभावी नियम, कानून आ दिशा-निर्देश तइयार करे के निर्देश देव केन्द्र सरकार के. उनुकर कहना बा कि देश के आधा से अधिका समस्या का पीछे जनसंख्या विस्फोटे कारण बा.