अरनब गोस्वामी के चैनल रिपब्लिक टीवी के आजु शुरूआत हो गइल आ पहिलके दिने, पहिलके खबर से देश के राजनीतिक माहौल में भूंईडोल हो गइल.
सभे जानेला आ मानेला कि चारा चोर घोटालेबाज लालू सिवान के माफिया शहाबुद्दीन के नाज नखरा उठावे वाला हउवन. बाकिर आजु जब एही बात के ई चैनल सप्रमाण जनता का सोझा लिया दिहलसि त एकबार त सभके ठकुआ मार दिहलसि. ना त लालू का मुँह से एगो बकार निकलल ना नीतीश का मुँह से. अलबत्ता जदयू के महासचिव बाकायदा मान लिहलन कि नेतवन से कवनो तरह के नैतिकता के उमेद ना राखे के चाहीं.
अपना के सुशासन बाबू कहवाए वाला नीतीश देश के पीएम बने के सपना मने मन पोसेलें. ऊ एही सपना के गुलाम बन गइल बाड़न आ एह बदे केहू के गुलामी सकार सकेलें. आजु के एह खबर का बाद उनुका एह सपना प बड़हन लात पड़ गइल बा. देश के राजनीति प एह खबर से असर पड़ल तय बा. भाजपा का खिलाफ एगो बड़हन गठबन्हन बनावे के अब ठगबन्हन ना गिरोहबन्दी कहल जाई. काहे कि सजायाफ्ता मुजरिम लालू का साथे ले के बना वाला कवनो गोल गिरोहे कहल जाई.
आजु के एह खबर का बाद तनिका भोजपुरी के चरचा. लालू आ उनुका साहेब के बातचीत भोजपुरी में भइल बा आ ओहमें शहाबु का मुँह से निकलल बात कि – एसपी त खत्तम है – के मतलब निकाले में चैनल के दिक्कत बुझात बा. अगर ऊ अपना पत्रकारे से पूछ लीत लोग त मालूम हो जाइल कि खत्तम है के मतलब भइल कि ओकरा में कवनो गुन नइखे आ ऊ वर्थलेस बावे, ओकरा से कवनो उमेद ना राखल जा सके.
आ वइसे एह खबर से जुड़ल सभले बड़हन खबर इहे कहल जा सकेला कि लुटियन मीडिया एह खबर के सोझे पचा गइल बा, ओकर पाद त अरनब का नामे से सटक गइल बा बाकिर डकारो नइखे निकलत ओकरा से. आखिर अइसहीं ना नू एहनी के प्रेश्या कहे लागल बा लोग.