अहमदाबाद, 20 अप्रैल. गुजरात में अयोध्या से लवटि के आवत रामभक्तन के गोधरा में ट्रेन का डिब्बा में बंद क के जरा मुअवला का बाद भड़कल साल 2002 के भीषण दंगा का दौरान नरेडा पाटिया में कुछ मुसलमानन के मार डालल गइल रहे. एही मामिला में ओह घरी गुजरात सरकार में मंत्री रहल मायाबेन कोडनानी के कई अउरी लोगन का साथे आरोपी बनावल गइल रहुवे.
विशेष अदालत मायाबेन कोडनानी के एह मामिला में दोषी मान के सजा सुनवले रहुवे बाकिर आजु उच्च न्यायालय उनुका के संदेह के लाभ देत बरी क दिहलसि. उनुका साथे अउरिओ 11 लोग के बरी क दिहलसि हाई कोर्ट. बाकिर 20 लोग के दोषी करार दिहलसि. एहमें उहो तीन लोग शामिल बा जिनका के विशेष अदालत दोषी ना मनले रहुवे.
अउरिओ आरोपी आ बजरंग दल नेता रहल बाबू बजरंगी, प्रकाश राठौड़ आ सुरेश लंगड़ा के सजा घटा के 21 बरीस के जेल कर दिहलसि. पहिले एह लोग के आखिरी साँस ले जेल के सजा सुनावल गइल रहुवे.
जान जाईं कि 27 फरवरी 2002 का दिने गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एगो डिब्बा जरा के ओहमें बंद 59 लोग, जवना में औरत आ बचवो रहलें, के जियते जरा के मुआ दीहल गइल रहुवे. ओकरा एक दिन बाद भीड़ 97 लोग के नरोडा पाटिया में जरा दिहले रहुवे. शुरु में मायाबेन कोडनानी के एहमें नाम शामिल ना रहुवे आ बाद में साल 2008 में उनुकर नाम जोड़ल गइल रहुवे.
अब एह फैसला का खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 90 दिन का भीतर अपील दायर कइल जा सकेला आ पीड़ित पक्ष कहत बा कि ऊ एह फैसला का खिलाफ अपील जरुर करी.
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुकल प्रवीण तोगड़िया कहले बाड़न कि दोषी करार दीहल लोग के सुप्रीम कोर्ट में अपील करे में मदद कइल जाई.

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