देश के विरोधी गोलन के दीहल महाभियोग प्रस्ताव कूड़ा का टोकरी में
नयी दिल्ली 23 अप्रैल. राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू आजु सुप्रीम कोरेट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का खिलाफ सात गो विरोधी गोलन के दीहल महाभियोग प्रस्ताव नोटिस के खारिज करत कहलन कि एह प्रस्ताव के देख के नइखे लागत कि न्यायमूर्ति मिश्रा का खिलाफ महाभियोग के कवनो मामिला चलावल जा सकेला.
विरोधी गोलन के बुझात रहुवे कि सभापति एह पर फैसला लेबे में समय लगइहें आ एह बीच ऊ लोग आपन प्रचार जारी राखत न्यायपालिका पर नाजायज दबाव बनावे में सफल हो जइहें. सबले मजे के बाति बा कि अदालत से पचास हजार पर मिलल जमानत पर चले वाला राहुल एह अभियान के अगुएई करत बाड़ें आ संविधान में सबले अधिका फेर बदले करा वाला गोल के अध्यक्ष भइला का नाते ओही संवीधआन के बचावे ला अभियान चलावे के कोशिश में लागल बाड़ें.
जान जाईं कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के परिवार कांग्रेसे से जुड़ल रहल, ओकरे जमाना में उनुका के पहिले हाई कोर्ट आ फेरु सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनावल गइल रहुवे. मोदी सरकार का समय बस अतने भइल बा कि ऊ अपना सीनियर रहला का चलते मुख्य न्यायाधीश बनावल गइलें आ एहमें सरकार के कवनो भूमिका ना रहल.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का खिलाफ जमीन के गड़बड़ी करे के आरोप लगावे वाला एह बेहाया जमातन के पहिले त ई बतावे के चाहीं कि अगर ई आरोप सही रहल त उनुका के का सोचि के पहिले हाई कोर्ट आ फेरु सुप्रीम कोर्ट के जज बनावल गइल रहुवे. कहीं ई बदनीयति ना रहुवे कि ऊ कांग्रेस का इशारा पर नचीहें आ अब जब ओह लोग के मनसा सही साबित नइखे होत त ई लोग उनुका खिलाफ महाभियोग ले आवे के नौटंकी करे लागल.
दोसरे इहो व्यवस्था बा कि जबले कवनो प्रस्ताव विचार ला मंजूर नइखे हो जात तबले ओह प्रस्ताव का बारे में बाहर कुछ नइखे बोले के. बाकिर अपना बेचैनी में ई लोग प्रस्ताव दिहला का बादे से ओह प्रस्ताव पर प्रेस कांन्फ्रेंस करे लागल. इहो एगो आधार रहुवे जवना कारण सभापति एह कूड़ा प्रस्ताव के कूड़े दान में फेंक दिहलें.
अब कांग्रेस आ ओकरा पिट्ठुवन के कहना बा कि सभापति के फैसला का खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाई लोग. एकरा पाछे एह लोग के सोच ई बा कि मामिला चूंकि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा का खिलाफ बा से एकर फैसला चौकड़ी में शामिल रहल कवनो जज के करे के मौका मिली आ ऊ लोग अपना मन मुताबिक फैसला पा जाई.
झूठ ना कहाला कि बूड़बक बुझावे से मरद.