
मोदी सरकार में कुछ मंत्रियन के गलतफहमी रहुवे कि ओह लोग के हटावे भा पाँख कतरे के गुस्ताखी मोदी कबो ना करीहें. एहमें तीन गो नाम सबले खास रहुवे – रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर, आ रमेश पोखरियाल निशंक के. ई लोग अपना काम में लगातार नाकाबिल साबित भइला आ सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थकन के नाराजगी से बेपरवाह आपन समय काटत रहुवे.
सूचना प्रसारण मंत्री के मीडिया पर कवनो असर ना रहल. हिन्दू विरोधी माहौल बनावे में लागल मीडिया आ फिलिम भा ओटीटी मीडिया बेकाबू बनल रहल.
निशंक शिक्षा मंत्री रहला का बादो अतना निफिकर-निशंक रहलें कि किताबन से हिन्दू विरोधी प्रकरण हटवावे के कोशिशो ना कइलन.
कानून मंत्री रविशंकर कबो सोचबो ना कइलन कि संविधान के अनुच्छेद 30 में संशोधन करवा के हिन्दुवनो के अपना धर्म संस्कृति के पढ़ाई करावे वाला संस्थान स्थापित करे के आ अपना धर्मग्रंथन के अध्ययन-अध्यापन के काम करवावे के अधिकार पा सकसु. आ बेंवत त उनुकर अइसन रहल कि ट्वीटर उनके हत्था कुछ देर ला उखाड़ दिहलसि आ ऊ हिनहिनइला का अलावे कुछ ना कर सकले.
एह लोग का खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार अभियान चलावत रहलें भाजपा समर्थक बाकिर एह लोग के ओकर कवनो परवाह कबो ना भइल. अब जब एह लोग के मंत्रीपद से मुक्ति दे दीहल गइल त सोशल मीडिया पर मोदी के जयकारा लागल शुरु हो गइल बा.
आजु के मंत्रिमंडल पुनर्गठन का बाद अब मोदी कैबिनेट में 77 गो मंत्री हो गइल बाड़ें. संवैधानिक प्रावधान का हिसाब से 81 गो मंत्री हो सकेलें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में. मोदी सरकार में अब 27 गो पिछड़ा वर्ग के मंत्री, 12 गो अनुसूचित जाति के मंत्री आ 8 गो जनजाति मंत्रियन का साथही 5 गो अल्पसंख्यक मंत्री बाड़ें आ एह वर्गन के अतना बड़हन मौजूदगी आजु ले कवनो सरकार में नइखे रहल. महिला मंत्रियनो के गिनिती आठ गो हो गइल बा.