नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (वार्ता) समलैंगिक संबंधन, जइसे कि लौण्डेबाजी, के अपराध का दायरे से बाहर करावे खातिर लगावल एगो गोहार पर केंद्र सरकार से एक हफ्ता का भितर जवाब देबे के कहलसि सुप्रीम कोर्ट.
एगो होटल व्यवसायी केशव सूरी के लगावल गोहार पर केंद्र सरकार के आजु मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर अउर न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के पीठ नोटिस जारी क के एक हफ्ता का भितरे जवाब देबे के कहलसि. साथही एह तरह के सगरी गोहारन के एके संगो नत्थी करहुं के कहलसि जवन एही मुद्दा पर अदालत का सोझा बाड़ी सँ.
केशव सूरी चाहत बाड़न कि दू गो समलैंगिकन के आपसी संबंधो के अपराध का श्रेणी से बाहर कइल जाव. उनुकर कहना बा कि भारतीय दंड संहिता के धारा 377 गलत बा आ एकरा के हटा देबे के चाहीं.
जाने जोग इहो बा कि साल 2009 में दिल्ली उच्च न्यायालय एह धारा 377 के अपराध का दायरा से बाहर क दिहले रहुवे बाकिर बाद में माथ अदालत ओह आदेश के निरस्त कर दिहले रहुवे.

Loading

कुछ त कहीं......

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Scroll Up
%d