
देश के लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी का बारे में कहल जाला कि आजु ले ऊ कवनो दू गो चुनाव एक मुद्दा पर नइखन लड़ले आ हर बेर उनकर मैदान अलग होला आ उनुका खेल के नियम उहे होला जे ऊ चाहेलें. एक बेर फेरु ई कहाउत साँच होखे जा रहल बा.
नरेन्द्र मोदी के दुसरका खासियत होखेला उनका दाँव के पहिले से केहू अन्दाज ला लगा पावे. ऊ जिबह करे में भरोसा ना करसु आ हमेशा झटका वाला सामान परोसेलें. नोटबन्दी, सर्जिकल स्ट्राइक अइसने झटका रहुवे जवना से आजु ले देश के विरोधी आ पाकिस्तान ना सम्हर पवले.
अब जब अगिला लोकसभा चुनाव कपारे आ गइल बा तब मोदी देश के विरोधी गोलन के तिसरका झटका दे मरले बाड़न. अब हर जाति मजहब के गरीबन ला दस फीसदी आरक्षण देबे के फैसला मोदी कैबिनेट ले लिहले बिया आ एकरा के लागू करे ला संविघान में संशोधन करे वाला बिल हो सकेला कि काल्हु पेश क दीहल जाव. भई गति साँप-छछुन्दर वाली वाला कहाउत साँच करत विरोधी गोलन के ठकुआ मार दिहले बा. अगर एह बिल के विरोध करीहें त जनरल कैटेगरी नाराज होखी आ समर्थन करीहें त फायदा मोदिए के होखी. से उनका से ना त उगिलत बनत बा, ना घोंटत.
सालाना 8 लाख से कम आमदनी वाला परिवार से आवे वाला हर आदमी एह आरक्षण के फायदा ले सकेला बशर्ते ऊ कवनो दोसर आरक्षण दर्जा का फायदा नइखे उठावत. कहे के मतलब कि जे लोग पहिलहीं से कवनो आरक्षण कैटेगरी में आवत बा ऊ एकर फायदा ना ले सकी. सवर्ण जमात जवना में यूपी बिहार के राजपूत भूमिहार ब्राह्मण, राजस्थान के गुर्जर, हरियाणा आ पछिमारा यूपी के जाट एह नयका आरक्षण के फायदा पा जइहें.
कहो दिल से, मोदी फिर से !