
जस जस हिन्दुवन में एका बनल बढ़ल जात बा तस तस हिंदुत्व के विपक्षियन में बेचैनिओ बढ़ल जात बा।
केहू बाबाजी के ठुल्लू धइल चाहत बा त केहू राजभर के भरमावे में लागल बा।
एक समय भुरा बाल साफ करे के नारे देबे वाला भा तिलक तराजू तलवार, इनको मारो जूते चार वाला गोल, सभे इहे चाहत बा कि कवनो ना कवनो तरह हिन्दुवन का बीच लड़ाई करावल जाय।
केंद्र सरकार के कहना बा कि जनगणना में जाति ना गिनाई। ओकरा बाद से लोग नीतीश कुमार के चना के झाड़ पर चढ़ावे में लागल बा। विरोधियन के इहे लालसा बा कि कवनो तरह सत्ता के सिकहर टूटे आ ओहू लोग के मलाई चाटे के मौके मिलो।
बाकिर का देश के हिन्दुओ इहे चाहत बाड़े? एह सवाल के जबाब रउरा सभे खोजीं।